World MSME Day 2023: आज के समय में केंद्र सरकार MSME सेक्टर के छोटे उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास कर रही है। बिना गारंटी के लोन देने से लेकर आसान इकोसिस्टम मुहैया कराने तक का काम सरकार के नेतृत्व में किया जा रहा है।
कोविड काल में एमएसएमई कंपनियों की बिगड़ती हालत को देखते हुए आपात ऋण-सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) शुरू की गई थी।
यह घोषणा 'ग्रो योर बिजनेस समिट' के उद्घाटन संस्करण में की गयी जो भारत के लघु और मझोले कारोबार (एसएमबी) के वृद्धि के एजेंडे पर केंद्रित एक कार्यक्रम है।
पीएचडीसीसीआई ने उन क्षेत्रों का खाका तैयार करते हुए पांच सुझाव दिए, जिनपर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के दूसरे कार्यकाल के दौरान ध्यान दिया जाना चाहिए।
एमएसएमई मंत्रालय ने कहा, योजना के हितधारकों से मिले अनुरोधों के आधार पर सरकार ने इसे 30 सितंबर 2021 से आगे छह महीने के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया है।
योजना के अंतर्गत कर्ज के वितरण की अंतिम तिथि भी बढ़ाकर 30 जून, 2022 कर दी गयी है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक विभिन्न उद्योग मंडल और संबंधित पक्ष राहत सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे थे।
एमएसएमई मद के तहत थोक व्यापारी और खुदरा ऋणों को शामिल करने के बाद मार्च 2021 तिमाही में बैंक का एमएसएमई ऋण खाता मामूली रूप से बढ़कर 2,01,833 करोड़ रुपये हो गया, जो दिसंबर 2020 में 2,01,758 करोड़ रुपये था
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) में गैर-निïष्पादित परिसंपत्ति यानी फंसा मार्च तिमाही में बढ़कर 12.6 प्रतिशत हो गया।
सरकार के इस फैसले से 2.5 करोड़ से अधिक व्यापारियों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एमएसएमई (MSME) को देश के इकोनॉमिक ग्रोथ का इंजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
एमएसएमई संगठन के मुताबिक बढ़ती कीमतों की वजह से कई छोटे उद्योग बंदी की कगार पर पहुंच गये हैं, इसलिये सरकार को उनकी राहत के जल्द कदम उठाना बेहद जरूरी है।
नई व्यवस्था के तहत एमएसएमई के पंजीकरण के लिए अब केवल पैन (स्थायी खाता संख्या) और आधार देने की जरूरत होगी।
एफआईएसएमई ने मंगलवार को केंद्र और राज्य सरकारों को ‘लॉकडाउन’ के दौरान एमएसएमई को घरों तक सामान की आपूर्ति करने की अनुमति देने का सुझाव दिया।
एमएसएमई क्षेत्र की देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके अलावा निर्यात में उसका 48 प्रतिशत का हिस्सा है
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ने महामारी की पहली लहर को मजबूती से निपटा और वृद्धि के मजबूत अनुमान के रास्ते पर लौटा।
कोरोना वायरस महामारी की वजह से आर्थिक गतिविधियों में आई अड़चनों के मद्देनजर आईबीसी के कुछ प्रावधानों को स्थगित कर दिया गया था।
वर्तमान में एसएमबी उद्यमी कनेक्टिविटी, प्रोडक्टिविटी और ऑटोमेशन टूल्स पर हर महीने 15 से 20 हजार रुपये खर्च करते हैं।
सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उदयम (एमएसएमई) विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश में देश के अधिकतम करीब 14 फीसदी एमएसएमई कार्यरत हैं और इस साल 13 लाख एमएसएमई इकाइयों को 42 हजार सात सौ करोड़ रुपये के कर्ज दिए गए हैं।
इस योजना को एमएसएमई को एक लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक का टर्म लोन या वर्किंग कैपिटल लोन 8.5 प्रतिशत शुरुआत ब्याज दर पर शीघ्रता से उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया है।
पिछले सात माह के दौरान केंद्र सरकार की एजेंसियों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों ने एमएसएमई के 21,000 करोड़ रुपये के बकाया का भुगतान किया है।
सूत्रों ने कहा कि यह नियम कुल 1.2 करोड़ जीएसटी करदाताओं में से सिर्फ 45,000 करदाताओं पर ही लागू होते हैं और ईमानदार डीलरों और व्यवसायों पर इसका कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि नया नियम नकली चालान के इस्तेमाल की जांच के लिए लाया गया है ताकि गलत तरीके से इनपुट लागत पर कर रिफंड न लिया जा सके।
संपादक की पसंद