हादसा उस समय हुआ जब सेना के जवान एलओसी के पास गश्त कर रहे थे। इस दौरान एक जवान का पांव बारूदी सुरंग यानी लैंड माइन पर पड़ा जिसके बाद धमाका हुआ। बताया जा रहा है दोनों जवानों की हालत गंभीर है।
छत्तीसगढ़ के कांकेर में गुरुवार को नक्सलियों ने एक बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया। इस नक्सली हमले में बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया। वरिष्ठ अधिकारी ने इस बाबत बताया कि गश्त करने के दौरान यह धमाका नक्सलियों ने किया।
दिवाली पर कैप्टन शुभम गुप्ता की अपने छोटे भाई ऋषभ, मां और पिता से वीडियो कॉल पर बात हुई थी। परिवार वाले उनके घर आने का इंतजार कर रहे थे। इधर पिता बसंत गुप्ता शुभम की शादी की तैयारियों में लगे थे।
जम्मू कश्मीर के बारामूला में आतंकियों के हौसले बुलंद हैं। आतंकियों ने वेलू क्रालपोरा में एक हेड कांस्टेबल को उनके घर के पास ही गोली मार दी। इस आतंकी हमले में हेड कांस्टेबल शहीद हो गए हैं। मौके पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
शहीद अग्निवीर जवान अक्षय लक्ष्मण सियाचिन में तैनात थे। अग्निवीर बनने के बाद उनकी पहली तैनाती भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स में हुई थी। इस बाबत भारतीय सेना और फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने ट्विटर पर ट्वीट कर जवान के शहीद होने पर संवेदना व्यक्त की है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आपदा में पुलिसकर्मियों की भूमिका का जिक्र किया और तारीफ करते हुए कहा कि विभिन्न पुलिस बल के जवानों ने आपदा प्रबंधन में दुनियाभर में नाम कमाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी कर्मियों के कल्याण के लिए समर्पित है।
जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में बुधवार से ही सेना के जवानों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। इस बीच एक और जवान के शहीद होने की खबर सामने आई है। इसी के साथ इस एनकाउंटर में अबतक कुल 4 जवान शहीद हो चुके हैं।
अनंतनाग में आतंकवादियों से हुए एनकाउंटर में मेजर और कर्नल समेत जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी शहीद हो गए थे। आज दोपहर बाद मेजर और कर्नल का शव उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मेजर आशीष के परिवार में उनकी पत्नी, दो साल की बेटी और तीन बहनें हैं। इस दुखभरे वक्त में परिवारों के साथ शोक व्यक्त करने पहुंचे लोगों ने कहा कि सेना को आतंकवादियों का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।
मंगलवार को अनंतनाग में जवानों और आतंकियों के बीच हुए एनकाउंटर में कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और जम्मू कश्मीर के डीएसपी हुमायूं भट्ट शहीद हो गए हैं। बता दें कि हुमायूं भट्ट की दो महीने की बेटी है।
सियाचिन ग्लेशियर पर आज तड़के हुए एक हादसे में सेना के एक अधिकारी की जान चली गई जबकि 6 लोग घायल हो गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के चलते अब देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में शहीदों को उच्च सम्मान प्राप्त होगा। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में शहीदों को सम्मान देने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था, जो स्वीकार हो गया है। अब शहीदों के लिए यूएन में स्मारक दीवार बनेगी। भारतीय जवान भी यूएन मिशन में शहीद हुए हैं।
मणिपुर में सुगनू/सेरौ के इलाकों में असम राइफल्स, बीएसएफ तथा पुलिस द्वारा चलाए गए व्यापक अभियान के दौरान पांच-छह जून की दरमियानी रात सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के बीच गोलीबारी हुई।
दरअसल 28 फरवरी को सुरक्षा बलों ने हथियारों से लैस दो आतंकवादियों के मस्जिद में छिपे होने की जानकारी मिलने के बाद पुलवामा के पदगामपुर इलाके की घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया था।
गलवान शहीद जय किशोर सिंह के पिता राज कपूर सिंह पर राज्य सरकार की जमीन और साथी ग्रामीण हरिनाथ राम के कुछ हिस्से पर कब्जा करने का आरोप है। वैशाली पुलिस ने उन पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के साथ-साथ जबरन वसूली के अलावा भूमि अतिक्रमण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
शिकायतकर्ता ने गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से लड़ते हुए शहीद हुए जय किशोर सिंह के स्मारक के निर्माण पर आपत्ति जताई गई है। वैशाली के पुलिस अधीक्षक मनीष ने कहा, ‘‘राज कपूर सिंह को शनिवार रात जनदाहा थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया, जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि आरोपी अपने बेटे के स्मारक का अ
बिजली विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर ने दस्तावेजों के आधार पर शहीद स्मारक के नाम 1,36,943 रुपये वसूली को लेकर नोटिस भेजा है। असिस्टेंट इंजीनियर द्वारा यह नोटिस भेजते हुए चेतावनी दी गई है कि अगर एक सप्ताह के अंमर समय से विपत्र का भुगतान नहीं करते हैं तो स्मारक स्थल की बिजली काट दी जाएगी।
दर्दनाक हादसे में सेना के 3 जेसीओ समेत 16 जवान शहीद हो गए हैं। घटना उत्तरी सिक्किम के जेमा में हुई। दुर्घटना के तुरंत बाद बचाव अभियान तुरंत शुरू किया गया।
पंजाब में शहीदों को सम्मान देने और उनके बलिदान को याद करने के लिए एक अहम कदम उठाया गया है. इसके तहत राज्य के सरकारी स्कूलों के नाम शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखे जाएंगे। इसके लिए प्रस्ताव पारित करने को कहा गया है।
अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है। इसका राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में समाहित किया जा रहा है। यह अजीब बात है कि अमर जवान ज्योति की लौ को 1971 और अन्य युद्धों के शहीदों की याद में प्रज्ज्वलित किया गया था, वहां उन युद्धों में शहीद हुए लोगों के नाम मौजूद नहीं नहीं हैं।
संपादक की पसंद