अल-कायदा के खूंखार नेता खालिद अल-बतरफी की मौत हो गई है। अल कायदा ने खुद इस बात की जानकारी दी है। वहीं अमेरिका ने भी खालिद अल-बतरफी पर 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया हुआ था।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बीच खूफिया एजेंसी को हाल ही में संभावित लोन-वुल्फ हमले के खतरों का खुफिया इनपुट प्राप्त हुआ है। इस बीच अयोध्या में भी चेकिंग के दौरान ती संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
इन दोषियों पर आतंक और हिंसा के माध्यम से अपने भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देने की योजना के आरोप थे।
आतंकवादी संगठन अलकायदा और हमास में सबसे ज्यादा बदमाश और शैतान कौन है? यह बात आप भले ही नहीं जानते हों, मगर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को सब पता है। कभी दुनिया भर में आतंक का पर्याय बने अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादेन की तूती बोलती थी। मगर अमेरिका ने उसे पाकिस्तान में घुसकर मारा।
FBI के स्पेशल एजेंट जैकलीन मैगियर के मुताबिक, आरोपी ने न सिर्फ इन सामानों को इकट्ठा किया था, बल्कि वो इनको जोड़कर विस्फोटक सामग्री बनाने का काम भी शुरू कर चुका था।
गुजरात में अल कायदा इंडिया संगठन सक्रिय था। युवकों को कट्टरपंथी बनाने वाले एक बांग्लादेशी युवक को एटीएस ने गिरफ्तार किया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
अतीक अहमद और अशरफ के पाकिस्तान से भी कनेक्शन की बात सामने आई थी, जिसका जिक्र रिमांड कॉपी में भी किया गया था।
यमन: खूंखार आतंकवादी ओसामा बिन लादेन और अल जवाहिरी समेत अलकायदा के टॉप कमांडरों के मारे जाने के बावजूद इस आतंकी संगठन ने दम नहीं तोड़ा है। अलकायदा ने धीरे-धीरे फिर से खुद को खड़ा कर लिया है। वह एक के बाद एक आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में जुटा है। ताजा मामले में अलकायदा ने यमन के तीन सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया
UP ATS ने अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट के संदिग्ध आतंकी अज़हरुद्दीन को गिरफ़्तार किया है।
आतंकी संगठन अल कायदा ने 35 मिनट का एक वीडियो जारी किया है, जिसमें आतंकी अल जवाहिरी दिखाई दे रहा है। जबकि अल जवाहिरी अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था। रिकॉर्डिंग में तारीख का जिक्र नहीं था और ट्रांस्क्रिप्ट स्पष्ट रूप से उस समय सीमा की ओर इशारा नहीं करती, जब इसे बनाया जा सकता था।
Osama Bin Laden Son: ओसामा बिन लादेन का बेटा उमर पेशे से चित्रकार है और अब फ्रांस में अपनी पत्नी जैना के साथ रहता है। उसने बताया कि लादेन ने उससे कहा था कि वह उसके काम को आगे बढ़ाने के लिए चुना गया बेटा है
Car Bomb Blasts in Somalia:सोमालिया में कल का दिन काला शनिवार साबित हुआ। सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में हुए भीषण कार बमों के विस्फोट में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। यह हमला राजधानी में बेहद भीड़-भाड़ वाले इलाके में किया गया। इससे लोगों के चीथड़े उड़ गए। हमले में जान गवांने वालों में बच्
Terrorism in Pakistan: पाकिस्तान का सबसे बड़ा बैंक, हबीब बैंक लिमिटेड (एचबीएल), अमेरिका में एक आतंकी वित्तपोषण मामले का सामना कर रहा है। बैंक पर आरोप है कि इसने अल कायदा आतंकवाद को सहायता और बढ़ावा दिया।
CIA Al-Zawahiri: अलकायदा के आतंकवादी अल-जवाहिरी की मौत के बाद व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने एक तस्वीर जारी की थी, जिसमें बाइडेन सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स से बात करते हुए दिख रहे थे और उनके सामने की मेज पर लकड़ी का एक बंद डिब्बा रखा था।
US Defense Aid to Pakistan: जिस अमेरिका ने पाकिस्तान को कुछ वर्ष पहले दो अरब डॉलर की रक्षा सहायता देने से साफ इंकार कर दिया था, जिस अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाक को साफ शब्दों में कह दिया था कि वह आतंकवादी संगठनों तालिबान और हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करने में पूरी तरह विफल रहा है।
West Bengal News: पश्चिम बंगाल में 'अलकायदा' के दो आतंकवादियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। दोनों बड़े हमले को अंजाम देने की कोशिश में थे। दोनों से पूछताछ के बाद 17 और लोगों के नाम सामने आए हैं।
Nupur Sharma: अल कायदा का कहना है कि नूपुर शर्मा ने ईशनिंदा की है, उन्हें सजा जरूर देनी चाहिए। इसके साथ ही मुसलमानों को हथियार उठाने के लिए उकसाया गया है। अलकायदा ने मुसलमानों से कहा है कि वे जिहाद की रक्षा के लिए खुद को हथियारों से लैस करें।
Al-Qaeda News: अफगानिस्तान में अलकायदा से जुड़े कई हजार लोग मौजूद हैं और उनमें से कई की मदद अफगान तालिबान कर रहा है।
‘निंजा’ मिसाइल दागे जाने पर विस्फोट नहीं होता और नुकसान भी बहुत कम होता है। साथ ही आम लोगों के हताहत होने की गुंजाइश भी कम होती है। ये व्यक्तियों और संपत्ति को नुकसान पहुंचाए बिना अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम होती हैं, लेकिन अन्य ‘सुपर’ हथियार लोगों के जीवन जीने के तरीके और युद्ध लड़ने के तरीकों को बदल सकते हैं।
इससे पहले अल-कायदा के उत्तराधिकारी के चुनाव के लिए ये प्रक्रिया 2011 में ओसामा की मौत के बाद अपनाई गई थी। अल-जवाहिरी को शूरा के सदस्यों से "बायत" या निष्ठा की प्रतिज्ञा प्राप्त करने की जरूरत थी।
संपादक की पसंद