केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी डालेगी, जिससे वे 5 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज मुहैया करा पाएंगे। इससे कॉर्पोरेट्स, खुदरा कर्जदारों, और छोटे व्यापारियों समेत अन्य को फायदा होगा। इस कदम से क्रेडिट की वृद्धि दर को बढ़ावा मिलेगा, जो करीब 12 फीसदी तक होगी। साथ ही कंज्यूमर सेंटीमेंट को भी बढ़ावा मिलेगा।
बैंकों की ऋण क्षमता को बढ़ाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को सरकारी बैंकों के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपए की पुन: पूंजीकरण योजना को अपनी मंजूरी दी है।
सरकार ने संसद में बताया कि 2,071 उद्योगपतियों पर बैंकों का कुल 3.89 लाख करोड़ रुपए बकाया है। उद्योगपतियों ने 50 करोड़ रुपए या इससे अधिक का ऋण ले रखा है।
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