दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी और अमेरिका के बाद अब संयुक्त राष्ट्र ने भी अपनी टिप्पणी व्यक्त की है। भारत इस मामले में जर्मनी और अमेरिका के राजदूत को पहले ही तलब कर आंतरिक मामलों में दखलंदाजी के लिए फटकार लगा चुका है। मगर अब यूएन इस मामले में कूद गया है।
खुद को दुनिया का सुपर पॉवर कहने वाला अमेरिका अक्सर दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है। कभी अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर, कभी लोकतंत्र के नाम पर, कभी धर्म और सहिष्णुता के नाम पर तो कभी किसी और बहाने। जबकि अमेरिका अपने गिरेबां में नहीं झांकता। भारत के आंतरिक मामले में वह क्यों हस्तक्षेप कर रहा?
वित्त मंत्रालय ने भारतीय रिजर्व बैंक के काम में दखलंदाजी के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि सरकार केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता और स्वायत्तता का सम्मान करती है।
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