पिछले सालों में देश के कई राज्यों में विभिन्न जगहों के नाम बदले गए हैं। लेकिन मणिपुर की सरकार ने किसी भी स्थान का नाम बदलने पर सजा का प्रावधान किया है।
मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच भड़की जातीय हिंसा में 175 लोगों की मौत हुई है जिनमें से 169 शवों की पहचान कर ली गई है।
मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा की वारदातें शुरू हो रही हैं। दो छात्रों की हत्या के बाद इम्फाल में विरोध-प्रदर्शन जारी है। इधर, राज्य सरकार ने पूरे राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है।
मणिपुर में कुछ दिनों की शांति के बाद एक बार फिर से बवाल की खबरें सामने आने लगी हैं। खबर है कि जमानत पर रिहा किए गए 5 ग्राम रक्षा स्वयंसेवकों में से एक की दोबारा गिरफ्तारी होने के बाद इंफाल वेस्ट में उपद्रव हुआ।
पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर की राजधानी इम्फाल आज एक भीषण बम धमाके से दहल गया। मंगलवार को इम्फाल में एक शक्तिशाली आईईडी विस्फोट में पांच पुलिसकर्मियों सहित कम से कम छह लोग घायल हो गए।
मौसम विभाग के मुताबिक भूकंप दोपहर 1.15 बजे के करीब आया है और इसकी तीव्रता 5.2 आंकी गई है। भूकंप का केंद्र जमीन की 50 किलोमीटर गहराई में था।
उत्तर पूर्व के राज्य मणिपुर की राजधानी इम्फाल में गुरुवार सुबह एक स्कूल के सामने आईईडी बम बरामद होने से खलबली मच गई।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से चिटफंड घोटाला मामले में यहां आठ घंटे पूछताछ की।
प्रांतीय राजधानी इंफाल के बीचोबीच भीड़-भाड़ वाले इलाके में कुछ ही मिनट के अंतर पर हुए दो बम विस्फोटों में गुरुवार को असम राइफल्स के तीन जवानों सहित कम से कम चार लोग घायल हो गए।
मणिपुर में बृहस्पतिवार को नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ 66 संगठनों के समूह की 24 घंटे की हड़ताल के चलते कई इलाकों में आम जनजीवन प्रभावित हुआ।
मणिपुर में छह बैन अंडरग्राउंड संगठनों द्वारा गठित समन्वय समिति (कोरकॉम) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के राज्य के दौरे के दिन 16 मार्च को 17 घंटे के बंद का आह्वान किया है।
पुलिस ने बताया कि यह विस्फोट शाम 6:05 बजे राजभवन से करीब 20 मीटर की दूरी पर हुआ, जिसमें एक 50 वर्षीय महिला मामूली रूप से जख्मी हो गई...
इम्फाल एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस के लिए उस समय अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई जब वे विमान में सवार होने के लिए देर से पहुंचे।
मणिपुर से चुने गए सभी आठ खिलाड़ी गरीब परिवार से आते हैं। इनमें से एक खिलाड़ी अपनी विधवा मां और दो बहनों के साथ टीन की छत वाले मकान में रहता है। इनमें से कई खिलाड़ियों के मात-पिता के पास जूते खरीदने के पैसे भी नहीं हैं।
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