सुब्रमण्यन ने कहा कि अगर भारत 8 प्रतिशत की दर से बढ़ता है, तो साल 2047 तक भारत 55 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। ऐतिहासिक रूप से 1991 के बाद से, भारत की औसत वृद्धि 7 प्रतिशत से थोड़ी अधिक रही है।
आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने पिछले साल पाकिस्तान के लिए तीन अरब डॉलर की राहत व्यवस्था को मंजूरी दी थी। पाकिस्तान ने एक नया मध्यम अवधि का बेलआउट पैकेज लेने में रुचि दिखाई है।
वैश्विक ऋणदाता IMF पहले ही कर्ज की दो किश्तें प्रदान कर चुका है और मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत तक 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अंतिम किश्त मिलने की उम्मीद है।
चीन के दम पर भारत से पंगा लेने वाले मालदीव को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने बड़ी चेतावनी दी है। चीन से कर्ज लेने वाले मालदीव को IMF की कड़ी चेतावनी देते हुए लोन संकट के प्रति आगाह किया है।
पाकिस्तान में आर्थिक हालात बेहद बदतर हैं। लगातार कर्ज पर निर्भर पाकिस्तान पर कर्ज और भी ज्यादा बढ़ता जा रहा है। वहां आसमान छूती महंगाई से आम लोग त्रस्त हैं। पूरी इकोनॉमी का खस्ता हाल है।
IMF की ओर से भारत की अर्थव्यवस्था को स्टार परफॉर्मर बनाया गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का मनना है कि मजबूत घरेलू मांग और पूंजीगत खर्च के कारण भारत की अर्थव्यवस्था अन्य देशों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करेगी।
आर्थिक संकट से जूझ रहे भारत के पड़ोसी देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष बड़ी आर्थिक मदद देने जा रहा है। इसके लिए आईएमएफ ने पहले समीक्षा की, इसके बाद मदद का निर्णय लिया।
आईएमएफ ने नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर 2023 में 2.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। आईएमएफ का हालिया वृद्धि अनुमान चालू वर्ष के लिए सरकार के 3.5 प्रतिशत के वृद्धि दर के लक्ष्य से कम है। हालांकि, यह विश्व बैंक और मनीला स्थित एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के हालिया अनुमान से काफी अधिक है।
पाकिस्तान की कुल विदेशी मुद्रा भंडार फिलहाल 12.6 अरब डॉलर है। खुदरा महंगाई मौजूदा साल में जुलाई से सितंबर के बीच 29 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे श्रीलंका को अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिले ऋण के जरिये उबरने की उम्मीद है। श्रीलंका की सरकार ने आईएमएफ की दूसरी किस्त का इस्तेमाल अपने बहुपक्षीय कर्जदाताओं का कर्ज देने में करने का फैसला किया है। श्रीलंका इससे धीरे-धीरे आर्थिक हालात को पटरी पर लाने का प्रयास करेगा।
इजराइल हमास के बीच संघर्ष जारी है। हमास के तांडव मचाने वाले हमलों के बाद इजराइल ने भी गाजा पट्टी पर भीषण पलटवार किया। इस जंग से वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी धक्का पहुंच सकता है। इस संघर्ष से विश्व की अर्थव्यवस्था को होने वाले नकारात्मक प्रभाव पर आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने बड़ा बयान दिया है।
चीन लगातार पीछे होता जा रहा है। वहीं, भारत हर मोर्चे पर चीन से आगे निकलता जा रहा है। चीन मंदी की चपेट में है, जबकि भारत दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है। इसके चलते पूरी दुनिया भारत की ओर रुख कर रही है।
आईएमएफ (IMF) ने विकास अनुमान में बढ़ोतरी के लिए अप्रैल-जून के दौरान उम्मीद से ज्यादा मजबूत खपत को कारण बताया। साथ ही महंगाई के मोर्चे पर कहा है कि इस वित्तीय वर्ष में भारत की खुदरा महंगाई 5.5 प्रतिशत रह सकती है।
यह सुस्ती ऐसे समय में आई है, जब दुनिया विनाशकारी कोविड-19 महामारी के प्रकोप से पूरी तरह उबर नहीं पाई है।
कंगाल पाकिस्तान एक बार फिर IMF के भरोसे है। अक्टूबर के अंत में आईएमएफ का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान आएगा और तीन महीने के आर्थिक प्रदर्शन की समीक्षा करेगा। जब तक ये काम नहीं होगा तब तक पाकिस्तान की सांसें अटकी रहेगी।
पाकिस्तान का कंगाली में आटा गीला हो चुका है। अब देश के लोगों की भूख मिटाने के लिए उसे भीख का ही सहारा रह गया है। पाकिस्तान ने फिर अपने दोस्त चीन और सऊदी अरब से नजरें इनायत करने की गुहार लगाई है। आइएमएफ बेलआउट के लिए पाक ने 11 अरब डॉलर मांगा है।
पाकिस्तान ने आईएमएफ से कर्ज लेने के लिए जो काम किया, उसे जानकर हैरानी होगी। जानकारी के अनुसार नकदी की कमी की समस्या से जूझ रहे पाकिस्तान ने यूक्रेन के इस्तेमाल के लिए अमेरिका को गोपनीय तरीके से हथियार बेचे।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जिएवा जी20 समिट में भाग लेने के लिए भारत आई हैं। इस दौरान ओडिया गाने पर उनका डांस वीडियो लोगों को खूब पसंद आ रहा है।
G20 की अध्यक्षता कर रहे भारत पर दुनिया भरोसे की नजरों से देख रही है। दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका ने तो भारत पर अपना अटूट विश्वास जाहिर किया है। अमेरिका को भारत से उम्मीद है कि वह बतौर जी-20 अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक जैसी वैश्विक संस्थाओं को भी नया कलेवर दे सकता है।
श्रीलंका के सबसे बड़े द्विपक्षीय ऋणदाता चीन ने द्वीप राष्ट्र को ऋण चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद का आश्वासन दिया है। चीन ने यह आश्वासन ऐसे समय में दिया है, जब देश को सितंबर तक अपने बाहरी और घरेलू ऋण पुनर्गठन को अंतिम रूप देना है।
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