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बेअसर रही खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ोतरी, नवंबर में 7% ज्यादा इंपोर्ट

वनस्पति तेल पर आयात शुल्क बढ़ने के बावजूद नवंबर में 7 प्रतिशत ज्यादा वनस्पति तेल का आयात हुआ है

Manoj Kumar Reported by: Manoj Kumar @kumarman145
Updated on: December 14, 2017 13:11 IST
Vegetable oil - India TV Paisa
Vegetable oil import increases 7 percent despite higher import duty in November

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पिछले महीने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में जो बढ़ोतरी की थी वह बेअसर साबित हुई है। इस बढ़ोतरी के बावजूद नवंबर में वनस्पति तेल के आयात में 7 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। तेल और तिलहन इंडस्ट्री के संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक नवंबर के दौरान देश में कुल 12,48,810 टन वनस्पति तेल का आयात हुआ है जबकि अक्टूबर के दौरान 11,67,397 टन का आयात हुआ था। पिछले साल नवंबर के दौरान देश में 11,75,464 टन वनस्पति तेल आयात हुआ था।

देश में ज्यादातर तिलहन के भाव कम होने की वजह से केंद्र सरकार ने 17 नवंबर को अधिकतर वनस्पति तेलों पर आयात शुल्क में भारी बढ़ोतरी की थी ताकि खाने के तेल की आपूर्ति को पूरा करने के लिए घरेलू तिलहन उद्योग किसानों से ज्यादा मात्रा में तिलहन खरीद सके और किसानों को तिलहन का अच्छा भाव दिलाया जा सके।

लेकिन सरकार की इस कोशिश के बावजूद तेल आयातक विदेशों से खाने के तेल का आयात बढ़ा रहे हैं। सरकार ने नवंबर में क्रूड पाम ऑयल पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत, रिफाइंड पाम ऑयल पर 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत, क्रूड सूरजमुखी ऑयल पर 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत और रिफाइंड पर 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत, क्रूड सोयाबीन तेल पर 17.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत और रिफाइंड पर 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत, क्रूड सरसों तेल पर 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत और रिफाइंड पर 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत किया था। इसके अलावा सोयाबीन पर आयात शुल्क को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत करने की घोषणा भी हुई थी। 

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