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वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, नोटबंदी में पारदर्शिता बरतना धोखाधड़ी की बड़ी वजह बन सकता था

अरुण जेटली ने सरकार के नोटबंदी के फैसले को गोपनीय रखने का बचाव करते हुए कहा कि इसकी घोषणा में यदि पारदर्शिता बरती जाती तो यह धोखाधड़ी की बड़ी वजह बनता।

Manish Mishra Manish Mishra
Published on: October 11, 2017 15:51 IST
वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, नोटबंदी में पारदर्शिता बरतना धोखाधड़ी की बड़ी वजह बन सकता था- India TV Paisa
वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, नोटबंदी में पारदर्शिता बरतना धोखाधड़ी की बड़ी वजह बन सकता था

वाशिंगटन केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार के नोटबंदी के फैसले को गोपनीय रखने का बचाव करते हुए कहा कि इसकी घोषणा में यदि पारदर्शिता बरती जाती तो यह धोखाधड़ी की बड़ी वजह बनता। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्‍व बैंक की वार्षिक बैठक में शामिल होने के लिए अमेरिका की एक सप्ताह की यात्रा पर आए जेटली ने कहा कि नोटबंदी और वस्‍तु एवं सेवा कर (GST) जैसे सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत रास्ते पर ला दिया है।

न्यूयॉर्क में कोलंबिया विविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि यह संस्थागत सुधार हैं। यह ढांचागत बदलाव हैं और ये ढांचागत बदलाव मेरे हिसाब से भारतीय अर्थव्यवस्था को अधिक मजबूत रास्ते पर ले आए हैं। अब हम भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था को अधिक साफ-सुथरी और बड़ी बनाने की ओर आगे बढ़ सकते हैं।

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उन्होंने कहा कि नोटबंदी की पहले ही घोषणा कर देने से लोग अपने पास उपलब्ध नकदी से सोना, हीरा और जमीन खरीद सकते थे तथा विभिन्न तरह के लेनदेन कर सकते थे। जेटली ने न्यूयॉर्क में कोलंबिया विश्‍वविद्यालय के छात्रों से कहा, पारदर्शिता बहुत अच्छा शब्द है। लेकिन इस मामले नोटबंदी में पारदर्शिता को अपनाना धोखाधड़ी का बड़ा साधन बन सकता था।

वित्‍त मंत्री अरुण जेटली इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा करने से पहले कुछेक शीर्ष अधिकारियों के साथ तय इस योजना को गोपनीय क्यों रखा। जेटली ने कहा कि गोपनीयता निर्णय निर्माण की प्रक्रिया का मूल तत्व है। मेरा मानना है कि नोटबंदी की महान सफलता के पीछे प्रमुख कारण प्रधानमंत्री और उनके साथियों का इस निर्णय को गोपनीय बनाए रखना है। स्वाभाविक रूप से भारतीय रिजर्व बैंक और वित्‍त मंत्री भी इस निर्णय में शामिल रहे।

वित्‍त मंत्री ने कहा कहा कि,

जहां नोटबंदी का निर्णय लिया गया, वैकल्पिक मुद्रा छापी गई, हजारों लोग बिना कारण जाने नए नोट छापने में लगे रहे, मुद्रा का संग्रहण किया गया, मुद्रा को करेंसी चेस्ट तक भेजा गया और नोटबंदी के समय हम वैकल्पिक मुद्रा के साथ तैयार थे, तब तक हमने इसे गोपनीय बनाए रखा।

जेटली ने नोटबंदी को लागू करने की सफलता पर जोर देते हुए कहा कि इसके तुरंत बाद जनता में कोई अशांति नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह अब तक की सबसे बड़ी नोट बदलने की गतिविधि थी। इससे थोड़ी असुविधा हुई। टेलीविजन रिर्पोटर बैंकों के बाहर जाकर लाइनों में खड़े लोगों को उत्‍तेजित करते रहे, लेकिन लोग तब भी शांत बने रहे क्योंकि वह महसूस कर रहे थे कि यह एक अच्छा कदम है और इसलिए उन्होंने इसका समर्थन किया।

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जेटली के अनुसार, नोटबंदी के परिणामस्वरुप सरकार ने देश की नकद मुद्रा के एक बड़े हिस्से का प्रबंधन किया। डिजिटल लेनदेन दोगुना हो गया। बड़ी संख्या में लोग कर के दायरे में आए। लगातार औपचारिक अर्थव्यवस्था के विस्तार के लिए एक के बाद एक कदम उठाए गए।

वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने के लिए अनौपचारिक और कालेधन पर आधारित अर्थव्यवस्था के खिलाफ एक के बाद एक कई कदम उठाए गए। उन्होंने कहा, इनमें से नोटबंदी और GST ऐसे ही कुछ कदम हैं। GST से मौजूदा स्टॉक को खत्म करने की प्रक्रिया के चलते एक तिमाही अथवा कुछ समय विनिर्माण क्षेत्र पर बदलाव की इस प्रक्रिया का असर हो सकता है।

वर्ष 1991 से शुरु हुए आर्थिक सुधारों के बारे में बात करते हुए जेटली ने कहा कि अब भारत का एक अपना मॉडल उभरता दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि सुधारों को लेकर भारत में एक आम सहमति है। सरकार लोगों को इस बात के लिए राजी करने में सफल रही है कि घरेलू निवेश पर्याप्त नहीं है।

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