Friday, April 26, 2024
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लैंगिक के आधार पर न करें अपने बच्चें के लिए खिलौनें पसंद: रिसर्च

जब हम विज्ञान अथवा प्रौद्योगिकी से संबंधित खिलौनों को यह कहते हुए लड़कों के लिए सीमित कर देते हैं कि 'ये लड़कों के लिए हैं' और जब हम सहानुभूति या वाक कौशल बढ़ाने वाले खिलौनों को यह कहते हुए लड़कियों के लिए सीमित कर देते हैं कि ये 'लड़कियों के लिए हैं

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Updated on: December 05, 2016 13:14 IST
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नई दिल्ली: हम अपने बच्चे के लिए हर खुशी के् लिए क्या नहीं करते हैष जिससे कि उसकी एक मुस्कान से आपका दिन बन जाएं। तरह-तरह के खिलौने लाते है। जो कि उसके पसंद के कम आपकी पसंद के ज्यादा होते है। कई लोग ऐसे होते हैौ कि बचपन से ही उन्हें ये बात सीखा देते है कि यह खिलौना आपके लिए नहीं बल्कि लड़की के लिए या फिर लड़के के लिए है, लेकिन आप ये बात नहीं जानते होगे कि इससे आप अपने बच्चों को बचपन से ही लैंगिक के बारें में बता रहे है।

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खिलौनों को लेकर बच्चों की पसंद को लैंगिक आधार पर सीमित नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इन सबसे परे उनकी पसंद को तरजीह दी जानी चाहिए। खिलौना खरीदते समय लैंगिक आधार पर बच्चों की पसंद को सीमित किए जाने से आगे चलकर उनके एक ही ढर्रे में चलने या प्रचलित मान्यताओं के ही अनुसार आगे बढ़ने अथवा उनमें रूढ़िवादिता पनपने का जोखिम हो सकता है। यह दावा एक नए अध्ययन में किया गया है।

अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के सैक्रामेंटो शहर स्थित कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्री एलिजाबेथ स्वीट ने कहा, "विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में पुरुषों के वर्चस्व और पालन-पोषण के क्षेत्र में महिलाओं की रुचि को बचपन में उनके खिलौनों से जोड़कर देखा जा सकता है।"

विश्वविद्यालय की ओर से जारी बयान में स्वीट ने कहा, "जब हम विज्ञान अथवा प्रौद्योगिकी से संबंधित खिलौनों को यह कहते हुए लड़कों के लिए सीमित कर देते हैं कि 'ये लड़कों के लिए हैं' और जब हम सहानुभूति या वाक कौशल बढ़ाने वाले खिलौनों को यह कहते हुए लड़कियों के लिए सीमित कर देते हैं कि ये 'लड़कियों के लिए हैं' तो हम वास्तव में एक व्यक्ति के तौर पर बच्चों के विकास को सीमित कर देते हैं।"

उन्होंने कहा, "यदि बच्चों को विभिन्न प्रकार के खिलौने नहीं मिलते हैं, तो उनका विकास सीमित हो जाता है और समय के साथ संभव है कि उनमें आगे चलकर वैसे कौशल विकसित न हों, जिनसे संबंधित खिलौने उन्होंने न खेले हों। लेकिन इससे भी ज्यादा खतरनाक बात यह है कि बच्चों में इस तरह की रूढ़िगत धारणा पनप सकती है कि लड़के विज्ञान एवं गणित में अच्छे होते हैं, जबकि लड़कियां नहीं। यह महिलाओं और लड़कियों को इसे क्षेत्र से बाहर ले जाता है, क्योंकि वे सोचती हैं कि यह उनके लिए नहीं है।"

स्वीट का मानना है कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित से संबंधित खिलौनों को गुलाबी रंग का बनाने से ही सिर्फ मदद नहीं मिलेगी।

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह गलत तरीका है। इससे बल्कि इस धारणा को बल मिलेगा कि लड़कियां अलग तरह की होती हैं और उन्हें विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित से संबंधित विशेष तरह के खिलौनों की आवश्यकता है।"

स्वीट के अनुसार, "शोध से पता चलता है कि कई तरह के खिलौने बच्चों में विभिन्न प्रकार के कौशलों के विकास में सहायक होते हैं।"

स्वीट ने कहा, "उदाहरण के लिए ब्लॉक्स बनाना स्थानिक कौशल को बढ़ाता है तो गुड़ियों से खेलना भाषा विकास और पोषण क्षमताओं के लिए वास्तव में अच्छा है। ये सभी कौशल एक इंसान के तौर पर कार्य करने के लिए आवश्यक हैं।"

 

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