Friday, March 29, 2024
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जानिए, क्या इशारा करते है अंगों का फड़कना!

हमारे शरीर के पर अंग के फड़कने के कोई न कोई महत्व होता है। माना जाता है कि पुरुष औऱ महिलाओं के अंग फड़कनें का मतलब अलग-अलग होता है। जानिए एस्टोलॉजी के अनुसार अंगों के फड़कने के मतलब।

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Updated on: December 01, 2016 16:07 IST
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धर्म डेस्क:  भारत में बहुत सी मान्यताओं का चलन है। किसी मान्यता को हम मानते है और किसी को नही। ऐसे ही हमारे शरीर के अंगों का फड़कने के एक महत्व है जिसे अधिकतर लोग मानते है। हमारा शरीर बहुत ही संवेदनशील होता है। इसी कारण हमारा शरीर भविष्य में होने वाली घटनाओं के पहले से ही आशंका व्यक्त कर देता है। भविष्य की घटनाओं से अवगत कराने के लिए हमारे शरीर के विभिन्न अंग फड़कने लगते है। अंगों का फड़कना ही हमे शुभ और अशुभ बातों के बारें में बताता है।

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हमारे शरीर के पर अंग के फड़कने के कोई न कोई महत्व होता है। माना जाता है कि पुरुष औऱ महिलाओं के अंग फड़कनें का मतलब अलग-अलग होता है। जानिए एस्टोलॉजी के अनुसार अंगों के फड़कने के मतलब।

  • आंखों के फड़कने पर माना जाता है कि अगर महिलाओं की दाहिनी आंख फड़कने से शुभ समाचार मिलता है वहीं पुरूषों की बाई आंख का फड़कना अच्छा होता है। महिलाओं की बाई आंख फडकने का मतलब है कि उसके या परिवार में किसी को कोई बीमारी हो सकती है।
  • बाई आंख का ऊपरी फलक फड़के तो आपकी अपने दुश्मन से और अधिक दुश्मनी हो सकती है। नीचे का फलक फड़कता है तो किसी से बेवजह बहस हो सकती है और आपको अपमानित होना पड़ सकता है।
  • बाई आंख की नाक की ओर का कोना फड़कता है जिसका फल शुभ होता है। पुत्र प्राप्ति की सूचना मिल सकती है या फिर किसी प्रिय व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है।

अगली स्लाइड में पढ़े और अंगो के फड़कने के कारण

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