Thursday, March 28, 2024
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करना चाहते है मनचाही ख्वाहिश पूरी, तो 19 जुलाई को करें ऐसे पूजा

श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी कहा जाता है। इस बार कामिका एकादशी 19 जुलाई, बुधवार को है। हिंदू शास्त्रों में माना जात है कि इस दिन पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते है। साथ ही आपको हर पाप से मुक्ति मिलती है। जानिए

Shivani Singh Written by: Shivani Singh @lastshivani
Published on: July 18, 2017 11:53 IST
lors vishnu- India TV Hindi
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धर्म डेस्क: हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी कहा जाता है। इस बार कामिका एकादशी 19 जुलाई, बुधवार को है। हिंदू शास्त्रों में माना जात है कि इस दिन पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते है। साथ ही आपको हर पाप से मुक्ति मिलती है। अगर आपकी कोई इच्छा है और वह पूरी नहीं हो रही है, तो इस दिन व्रत, पूजा करें आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी। जानिए इस पूजाविधि, मुहूर्त और कथा के बारें में।  

शुभ मुहूर्त

पारण समय(20 जुलाई): 1 बजकर 48 मिनट से शाम 4 बजकर 31 मिनट तक
एकादशी तिथि प्रारंभ: 7 बजकर 25 मिनट बजे से शुरु
एकादशी तिथि समाप्त: 4 बजकर 27 मिनट तक

कामिका एकादशी का महत्व
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन विष्णु भगवान की पूजा-पाठ करने से आपके हर बिड़े काम बनेंगे। व्रत के फलस्वरूप भगवान विष्णु की पूजा से उपासकों के साथ उनके पित्रों के भी कष्ट दूर हो जाते हैं| उपासक को मोक्ष प्राप्ति होती है| (इस बार रक्षाबंधन में ग्रहण का काला साया, इस मुहूर्त में ही बांधे भाई को राखी)

यह भी मान्यता है कि श्रावण मास में भगवान विष्णुजी की पूजा करने से, सभी गन्धर्वों और नागों की भी पूजा हो जाती है| श्री विष्णुजी को यदि संतुष्ट करना हो तो उनकी पूजा तुलसी पत्र से करें| ऐसा करने से ना केवल प्रभु प्रसन्न होंगे बल्कि आपके भी सभी कष्ट दूर हो जाएंगे| (जानिए सावन में किस तरह पूजन करने से होंगे महादेव प्रसन्न)

पूजा विधि
एकादशी तिथि पर स्नानादि से निवृत्त होकर पहले संकल्प लें और श्री विष्णु के पूजन-क्रिया को प्रारंभ करें| प्रभु को फल-फूल, तिल, दूध, पंचामृत आदि निवेदित करें| आठों पहर निर्जल रहकर विष्णुजी के नाम का स्मरण करें एवं भजन-कीर्तन करें। इस दिन ब्राह्मण भोज एवं दान-दक्षिणा का विशेष महत्व होता है| अत: ब्राह्मण को भोज करवाकर दान-दक्षिणा सहित विदा करने के पश्चात ही भोजन ग्रहण करें। विष्णु सहस्त्रनाम का जप अवश्य करें| इस प्रकार विधिनुसार जो भी कामिका एकादशी का व्रत रखता है उसकी कामनाएं पूर्ण होती हैं।

अगली स्लाइड में पढ़े व्रत कथा के बारें में

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