Friday, March 29, 2024
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होलाष्टक आज से, इस दिन तक न करें कोई भी शुभ काम

मतौर पर इसे होली के आगमन का पूर्व-सूचक माना जाता है जिनका होलिका दहन से बहुत ही घनिष्ठ संबंध है। इस दिन से ही होली के लिए तैयारी शुरु हो जाती है। होलाष्टक 5 मार्च, रविवार से सुरु हो गया है. जिसके कारण 12 मार्च, रविवार तक कोई भी शुभ, मांगलिक काम नहीं

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Published on: March 05, 2017 13:48 IST
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धर्म डेस्क: फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से पूर्णिमा तक के अगले आठ दिन होलाष्टक के रूप में मनाए जाते हैं। यानी कि हिंदू पंचाग के अनुसार होली के त्यौहार के 8 दिन पहले होलाष्टक मनाई जाती है। आमतौर पर इसे होली के आगमन का पूर्व-सूचक माना जाता है जिनका होलिका दहन से बहुत ही घनिष्ठ संबंध है। इस दिन से ही होली के लिए तैयारी शुरु हो जाती है। होलाष्टक 5 मार्च, रविवार से सुरु हो गया है. जिसके कारण 12 मार्च, रविवार तक कोई भी शुभ, मांगलिक काम नहीं होगे।

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ज्योतिषचार्य के अनुसार इस बार फाल्गुन पूर्णिमा 12 मार्च को सूर्य उदय से 8 बजकर 24 मिनट बजे तक रहेगी। गौधूलि बेला शाम 6 बजतक 25 मिनट से 7 बजे तक, वहीं चौघड़िया शुभ मुहूर्त में शाम 6 बजकर 23 मिनट से 7 बजकर 54 मिनट तक होलिका दहन करना शुभ रहेगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग व राजयोग रहेगा।

होलाष्टक का महत्व

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार होली के पूर्न होलाष्टक का अपना ही महत्व है। इसे नवनेष्ट यज्ञ की शुरुआत का कारक भी माना जाता है। यानी कि इस दिन से सभी तरह के ने पलो, अन्न, चना, गन्ना आदि का इस्तेमाल शुरु हो जाता है। लेकिन इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं होगा, क्योंकि फाल्गुन मास को अग्नि प्रधान माना जाता है इसलिए होलाष्टक के दौरान शुभ काम करने से अग्नि के ताप का कष्ट मिलता है। इसलिए इस समय के दौरान विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन, गोद भराई, उपनयन संस्कार आदि न करें।

अगली स्लाइड में जानें क्या काम कर सकते है इन दिनों में

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