Saturday, April 20, 2024
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Dussehra 2017: इस दिशा में बैठकर करें पूजा, मिलेगी हर काम सफलता

दशहरा के दिन जिस तरह रावण वध बहुत ही महत्व होता है। उसी तरह इस दिन भगवान की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसदिन अगर सहीं तरीके से पूजा की जाएं तो ओरों दिनों से दोगुना फल मिलता है। जानिए किस दिशा में बैठने से मिलेंगे शुभ फल...

India TV Lifestyle Desk Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: September 29, 2017 14:00 IST
puja path- India TV Hindi
puja path

धर्म डेस्क: दशहरा में हम कई ऐसी चीजे होती है जिन्हें धारण करना होता है और कई चीजे शरीर से निकालनी होती है। इसी तरह इस दिन क्रोध, आलस, हिंसा, चोरी, मोह, लोभ आदि का त्याग कर देना चाहिए।

इस दिन शाम के समय प्रदोष काल में विजय नामक शुभ मुहूर्त होता है। जो कि आपको हर काम में सफलता दिलाता है। इस मुहूर्त को अति शुभ समझकर राजा-महाराजा अपने शत्रुओं पर आक्रमण करते थे। भगवान राम ने भी इसी मुहूर्त में रावण का वध किया

इस दिन बहुत ही विधि-विधान से पूजा की जाती है, लेकिन इस दिन दिशा के हिसाब से पूजा करने का बहुत अधिक महत्व होता है। जानिए किस दिशा में बैठकर पूजा करना शुभ होगा।

दशहरा का दिन अपराजिता देवी की पूजा की जाती है। इसके लिए दोपहर बाद ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व दिशा में जाकर साफ-सुथरी भूमि पर गोबर से लीपना चाहिए और उसी जगह पर चंदन से आठ पत्तियों वाला कमल का फूल बनाना चाहिए। इस आकृति के बीच में अपराजिता देवी की पूजा करनी चाहिए जबकि आकृति के दाहिनी ओर जया की पूजा करनी चाहिए और बाईं ओर विजया की पूजा करनी चाहिए।

वहीं शमी पूजा की बात करें तो इसके लिये गांव के बाहर उत्तर-पूर्व दिशा में शमी के पौधे की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से बाहर यात्राओं में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आती। आप चाहें तो घर के बाहर शमी का पौधा लगा भी सकते हैं। इससे निगेटिव एनर्जी घर के अन्दर नहीं आ पायेगी।

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