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...तो इस कारण बढ़ रही है देश में आबादी, जानिए

देश की आबादी फिलहाल अनुमानत: 1.32 अरब है जो अगले छह सालों में चीन को पीछे छोड़ देगी और साल 2050 तक 1.70 अरब हो जाएगी, जबकि इस दौरान लाखों महिलाएं असुरक्षित गर्भपात के दौरान जान गंवा सकती हैं।

IANS IANS
Published on: February 19, 2017 10:41 IST
india population- India TV Hindi
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नई दिल्ली: साल 2016 तक पिछले 8 सालों में भारत की आबादी तेजी से बढ़ी है, क्योंकि गर्भनिरोधकों के प्रयोग में 35 फीसदी की कमी आई है, जबकि गर्भपात और आपातकालीन गोलियों का इस्तेमाल दोगुना बढ़ा है (दोनों के गंभीर साइड इफेक्ट हैं और ये स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं)।

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2011 तक एक दशक में साक्षरता में 14 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसके बावजूद गर्भनिरोध के खतरनाक उपाय (गोलियां और गर्भपात) बेहतर शिक्षित भारतीयों चाहे वे गरीब हों या अमीर के बीच प्रयोग बढ़ा है।

देश की आबादी फिलहाल अनुमानत: 1.32 अरब है जो अगले छह सालों में चीन को पीछे छोड़ देगी और साल 2050 तक 1.70 अरब हो जाएगी, जबकि इस दौरान लाखों महिलाएं असुरक्षित गर्भपात के दौरान जान गंवा सकती हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 8 सालों में कंडोम के इस्तेमाल में 52 फीसदी और नसबंदी में 73 फीसदी कमी आई है, जो पुरुषों में जन्म नियंत्रण के प्रति अनिच्छा दर्शाती है। गर्भनिरोधक गोलियों का प्रयोग भी इस दौरान 30 फीसदी घटा है।

साल 2008-09 के दौरान जहां 3 लाख पुरुष नसबंदी के लिए तैयार हुए थे और 55 लाख महिलाओं ने आईयूसीडी (इंट्रायूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस) लगवाया था। वहीं, आईयूसीडी लगवाने के लिए इतनी ही संख्या में महिलाएं अब भी आ रही हैं, लेकिन नसबंदी कराने वाले पुरुषों की संख्या काफी घट गई है।

फेडरेशन ऑफ ऑबस्ट्रेटिक एंड गायनोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया (एफओजीएसआई) की उप महासचिव नोजर शेरिआर का कहना है, "लोगों को लगता है कि सबकुछ महिलाओं को ही झेलना चाहिए।"

सरकार गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने पिछले महीने महिलाओं के विवादापस्द गर्भनिरोधक टीके को सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में शामिल करने की जानकारी देते हुए कहा था कि बेहतर गर्भनिरोधक के उपयोग से दुर्घटनावश गर्भावस्था और आबादी बढ़ने पर रोक लगती है।

गैरसरकारी संगठन आईपीएस के उमेश कुलकर्णी का कहना है कि भारतीय पुरुषों का मानना है कंडोम के प्रयोग से आनंद में कमी आती है और नसबंदी से उनका पुरुषत्व चला जाएगा।

कंडोम गर्भनिरोध के अन्य सभी उपायों से बेहतर उपाय है, लेकिन लोग इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहते। 2008-09 में कुल 66 करोड़ कंडोम बांटे गए, लेकिन 2015-16 के दौरान यह संख्या घटकर 32 करोड़ रह गई। इस दौरान गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल भी 30 फीसदी घटा है।

(आंकड़ा आधारित, गैर लाभकारी, लोकहित पत्रकारिता मंच, इंडियास्पेंड के साथ एक व्यवस्था के तहत। ये इंडियास्पेंड के निजी विचार हैं)

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