Thursday, April 25, 2024
Advertisement

जानें ऐसे होता है नमाज़ और योग का संबंध

नमाज़ की शुरुआत में नमाज़ी अपने दोनों हाथों को ऊंचा करके पैरों को एक साथ सटाकर खड़ा होता है और नियत बांधता है जिसमें नमाज़ के वक़्त और कितनी लंबी बंदगी होगी, इसकी घोषणा करता है। इसके बाद अपने दोनों हाथों को छाती पर एक दूसरे के उपर रखता है।

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Updated on: June 21, 2016 15:28 IST
namaz reading- India TV Hindi
namaz reading

हेल्थ डेस्क: जिस प्रकार हिंदू धर्म में सूर्य नमस्कार को योग का एक हिस्सा माना जाता है ठीक उसी प्रकार मुस्लिम धर्म में भी नमाज़ भी अपने आप में योग माना जाता है। नमाज के दौरान की गई कई शारीरिक क्रियाएं योग की तरह ही होती हैं। आइए जानते है नमाज पढ़ने के अलग-अलग तरीके और उससे होने वाले फायदों के बारे में।

1.नियत

नमाज़ की शुरुआत में नमाज़ी अपने दोनों हाथों को ऊंचा करके पैरों को एक साथ सटाकर खड़ा होता है और नियत बांधता है जिसमें नमाज़ के वक़्त और कितनी लंबी बंदगी होगी, इसकी घोषणा करता है। इसके बाद अपने दोनों हाथों को छाती पर एक दूसरे के उपर रखता है। इस क्रिया के करने से उसके हार्ट, लंग्स और परिसंचरण तंत्र कंट्रोल में रहते हैं। दोनों हाथों को छाती के बीचोंबीच रखने से हृदय चक्र प्रभावित होता है और इंसान के अंदर प्यार और करूणा जैसे भाव आते हैं।

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Health News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement