Saturday, April 20, 2024
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सावधान! भारतीय बच्चों में तेजी से बढ़ रहा है ब्रेन ट्यूमर, रखें ऐसे ख्याल

हर साल लगभग 2,500 भारतीय बच्चों में मेडुलोब्लास्टोमा रोग पाया जा रहा है। जानिए बच्चों को इस भयानक बीमारी से बाने के उपाय।

India TV Lifestyle Desk Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: July 26, 2017 15:09 IST
brain tumor- India TV Hindi
brain tumor

हेल्थ डेस्क: पुराने जमाने की बात करें, तब का खानपान बहुत ही सॉलिड होता था। जिसके कारण बहुत ही कम बीमारियां होती थी, लेकिन आज के समय की बत करें तो हमार पास इतना समय नहीं हैं कि खुद का ठीक ढंग से ख्याल रख पाएं। यहीं आज के बच्चों का है। न तो वह हेल्दी खाना खाते है और न ही खेलकूद करते है। जिसके कारण कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते है। हाल में एक एक आंकडा लिया गया जिसमें सबसे ज्यादा बच्चें ब्रेन ट्यूमर की चपेट में आ रहे है। अध्ययनों से पता चलता है कि मस्तिष्क ट्यूमर ल्यूकेमिया के बाद बच्चों में पाया जाने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। ()

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि देश में हर साल करीब 40,000 से 50,000 लोगों में ब्रेन ट्यूमर की पहचान होती है, जिनमें से 20 प्रतिशत बच्चे होते हैं। चिंता की बात यह है कि गत वर्ष यह आंकड़ा केवल पांच प्रतिशत ही ऊपर था। साथ ही, हर साल लगभग 2,500 भारतीय बच्चों में मेडुलोब्लास्टोमा रोग पाया जा रहा है।

आईएमए के अनुसार, मेडुलोब्लास्टोमा बच्चों में पाया जाने वाला एक घातक प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर है। यह मस्तिष्कमेरु द्रव (सीएसएफ) के माध्यम से फैलता है और मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी की सतह से होता हुआ अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है। यदि उपचार प्रक्रिया का सही ढंग से पालन किया जाता है, तो इन मामलों में से लगभग 90 प्रतिशत का इलाज संभव है।

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, "मस्तिष्क क्षति किसी भी उम्र में हो सकती है और यह एक गंभीर समस्या है। इससे सोचने, देखने और बोलने में समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। ब्रेन ट्यूमर का एक छोटा सा हिस्सा आनुवंशिक विकारों से जुड़ा हुआ है। बाकी लोगों को यह किसी विषाक्त पदार्थ के सेवन, मोबाइल तरंगों जैसी किसी अन्य कारण से भी हो सकता है।"

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