Saturday, April 20, 2024
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भोपाल गैस पीड़ितों में अन्य जगहों की तुलना पर 10 गुना अधिक कैंसर!

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 32 वर्ष पूर्व हुए हादसे के जख्म यहां के प्रभावित परिवारों में अब भी नजर आ रहा है। गैस प्रभावित इलाकों के निवासियों में गुर्दे, गले और फेंफड़े के कैंसर अन्य इलाकों की तुलना में 10 गुना अधिक हैं..

India TV Business Desk India TV Business Desk
Updated on: December 01, 2016 12:36 IST
bhopal gas victim- India TV Hindi
bhopal gas victim

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 32 वर्ष पूर्व हुए हादसे के जख्म यहां के प्रभावित परिवारों में अब भी नजर आ रहा है। गैस प्रभावित इलाकों के निवासियों में गुर्दे, गले और फेंफड़े के कैंसर अन्य इलाकों की तुलना में 10 गुना अधिक हैं। यह खुलासा हाल ही में 'संभावना ट्रस्ट' द्वारा किए गए शोध के प्रारंभिक नतीजों से हुआ है।

उल्लेखनीय है कि दो-तीन दिसंबर, 1984 की रात यूनियन कार्बाइड से रिसी जहरीली गैस से तीन हजार से ज्यादा लोगों की एक सप्ताह के भीतर मौत हुई थी, वहीं इस गैस से बीमार लोगों की मौतों का सिलसिला अब भी जारी है।

'संभावना ट्रस्ट' ने पिछले दिनों गैस प्रभावित बस्तियों में कैंसर पीड़ितों को लेकर एक शोध किया। इसके लिए उसके शोधकार्य में एक तरफ प्रभावित, तो दूसरी ओर गैर प्रभावित बस्तियों को शामिल किया गया। इसके लिए इसे चार वर्गो में बांटा गया -गैस प्रभावित नागरिक, प्रदूषित जल प्रभावित, गैस व प्रदूषित जल प्रभावित और गैस व प्रदूषित जल से अप्रभावित नागरिक।

'संभावना ट्रस्ट' के प्रबंध ट्रस्टी सतीनाथ शडंगी ने आईएएनएस को बताया, "शोध के प्रारंभिक नतीजे बताते हैं कि गैर प्रभावित बस्तियों के मुकाबले भोपाल के गैस पीड़ितों की 10 गुना ज्यादा दर से कैंसर की वजह से मौतें हो रही हैं। इनमें खासकर गुर्दे, गले और फेफड़े के कैंसर हैं।"

उन्होंने बताया, "इस शोध के लिए गैस प्रभावित और अप्रभावित बस्तियों का चयन किया गया। इससे पता चला कि गैस प्रभावित बस्तियों के लोगों में क्षयरोग, पक्षाघात व कैंसर कहीं ज्यादा तेजी से पनप रहा है।"

शोध के लिए बनाए गए दल में प्रमुख शोधकर्ता (प्रिंसिपल इंवेस्टीगेटर) सतीनाथ शडंगी, सहायक शोधकर्ता (को-इंवेस्टीगेटर) कनाडा के डॉ. दया वर्मा, डॉ. मुलाय और डॉ. वीरेश गाडा तथा मार्गदर्शक(एडवाइजर) के तौर पर स्विट्जरलैंड के डॉ. स्वरूप सरकार शामिल थे।

इस शोध में गैस प्रभावित 5500 परिवारों, प्रदूषित जल प्रभावित परिवारों 5200, गैस और दूषित जल प्रभावित 5000 परिवारों और अप्रभावित 5100 परिवारों को शामिल किया गया।

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