Saturday, April 27, 2024
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कैरीपिल' से डेंगू के मरीजों को मिलेगी राहत

लखनऊ: आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, जिससे लगातार लोगों की जान जा रही है। दिल्ली में इसका सबसे ज्यादा कहर है। डेंगू के लगातार बढ़ रहे मरीजों के लिए अब

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Updated on: September 21, 2015 16:15 IST
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कैरीपिल' से डेंगू के मरीजों को मिलेगी राहत

लखनऊ: आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, जिससे लगातार लोगों की जान जा रही है। दिल्ली में इसका सबसे ज्यादा कहर है। डेंगू के लगातार बढ़ रहे मरीजों के लिए अब एक अच्छी खबर भी है। माइक्रो लैब्स लिमिटेड, बेंगलुरू स्थित पूर्ण एकीकृत फार्मास्युटिकल कंपनी ने हाल ही में टैबलेट 'कैरीपिल' लांच किया है। कैरीपिल डेंगू से पीड़ित लोगों में प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने में मदद करेगी। वैज्ञानिक एवं विनामकीय अथॉरिटी द्वारा स्वीकृत, यह दवा कैरिका पपैया की पत्तियों के अर्क से बनाई गई है और इसके कोई साइड-इफेक्ट नहीं है। माइक्रो लैब्स द्वारा संचालित व्यापक आरएंडडी एवं चिकित्सीय परीक्षणों के बाद बनाई गई इस दवा ने भारत में लगभग एक लाख रोगियों में अपनी सुरक्षा एवं दक्षता को साबित किया है।


लखनऊ पहुंचे बेंगलुरू के फोर्टिस हॉस्पिटल में कैरीपिल चिकित्सीय परीक्षण के प्रमुख जांचकर्ता डॉ. ए.सी. गौड़ा ने कहा, "डेंगू समूचे विश्व में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनकर उभर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, 2.5 अरब लोगों को इसका खतरा है और प्रतिवर्ष 50 मिलियन डेंगू संक्रमण सामने आ रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "डेंगू के रोगियों में प्रोत्साहक परिणामों ने कैरीपिल के अत्यधिक सामथ्र्य को दर्शाया है। इन्हें आखिरकार ल्यूकेमिया जैसी अन्य जानलेवा बीमारियों से ग्रस्त रोगियों पर भी अपनाया जा सकता है, जिसमें प्लेटलेट्स खोने के कारण अत्यधिक कीमोथेरेपी की आवश्यकता पड़ती है।"

डॉ. गौड़ा ने बताया, "दो वर्षो तक 250 रोगियों पर चिकित्सीय परीक्षण संचालित कर व्यापक शोध के बाद, हमें हैमरेज स्थिति में सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। जिन लोगों को यह दवा दी गई है, उनमें से किसी को भी अभी तक ब्लड ट्रांसफ्यूजन (रक्त आधान) नहीं कराना पड़ा है।"

उन्होंने बताया कि कैरीपिल रोगियों के लिए एक वरदान साबित हुआ है। एक टैबलेट की कीमत 25 रुपये है और 5 दिनों तक दिन में एक बार एक टैबलेट (1100एमजी) की खुराक लेनी होती है। कैरीपिल की पेशकश से न सिर्फ परिवारों पर आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि पीड़ित और उसके परिवार को होने वाली भावनात्मक क्षति भी कम होगी।

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