Wednesday, April 24, 2024
Advertisement

नाइट शिफ्ट करने से आपको हो सकती है यह गंभीर समस्या

यह बात सामने आई है कि दिन में काम करने वालो की तुलना में रात की शिफ्ट में काम करने वालों के पेशाब में सक्रिय डीएनए ऊतकों की मरम्मत करने वाले रसायन का उत्पादन कम होता है। इस रसायन को 8-ओएच-डीजी कहते हैं।..

IANS IANS
Updated on: June 28, 2017 13:02 IST
night shift- India TV Hindi
night shift

नई दिल्ली: अगर आप नियमित तौर पर नाइट शिफ्ट (रात्रि पाली) में काम करते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि आपके शरीर के डीएनए की मरम्मत में बाधा आ सकती है। भारतीय मूल के एक शोधकर्ता की अगुवाई में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है। शोध निष्कर्ष यह बताते हैं कि नाइट शिफ्ट में काम करने से नींद के हार्मोन मेलाटोनिन के स्राव पर असर पड़ता है। (तनाव से बचने के लिए अपनाएं यह आसान उपाय)

यह बात सामने आई है कि दिन में काम करने वालो की तुलना में रात की शिफ्ट में काम करने वालों के पेशाब में सक्रिय डीएनए ऊतकों की मरम्मत करने वाले रसायन का उत्पादन कम होता है। इस रसायन को 8-ओएच-डीजी कहते हैं।

शोध में कहा गया है कि इससे कोशिकीय क्षति की मरम्मत की क्षमता में कमी का संकेत मिलता है।शोधकर्ताओं ने कहा कि इस अंतर के पीछे नींद के हार्मोन मेलाटोनिन के रात में उत्पादन की अपेक्षा दिन में कम उत्पादन होना है।

फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर वाशिंगटन के प्रवीन भाटी ने कहा, "हमारे नतीजों से संकेत मिलता है कि रात के सोने के अपेक्षा, रात में काम करने वालों में मूत्र उत्सर्जन में 8-ओएच-डीजी की मात्रा में खास तौर से कमी आ जाती है।" (करने जा रहें है यात्रा तो आभूषणों को यूं करें पैक)

उन्होंने कहा, "यह दिखाता है कि यह मेलाटोनिन के अपर्याप्त स्तर के कारण ऑक्सीकारक डीएनए के नुकसान की मरम्मत में कमी को दिखाता है, इससे डीएनए को उच्च स्तर पर नुकसान पहुंच सकता है।"

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Health News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement