नई दिल्ली: हम अपने बिजी शेडयूल से इतना समय किसी न किसी या काम के बीच में ही निकाल लेते है। जिससे कि आप खूद के बारें में सोच-विचार कर पाएं। इतना ही नहीं आगे लाइफ में क्या करना है। इसके बारें में भी हम सोचते है, लेकिन इस सोच में सकारात्मक विचाप से पहले हमारे मन में नकारात्मक विचार आते है। कभी-कभी ये नकारात्मक विचार हमारे लिे समस्या उत्पन्न कर देते है।
ये भी पढ़े-
- खाली पेट गाजर का जूस पीने के है ढेर सारे फायदे, जानिए
- प्रेग्नेंसी में करें इस चीज का सेवन और पाएं करीना के बेबी जैसा क्यूट बच्चा
- रोजाना सुबह करें केले की इस ड्रिंक का सेवन और पाएं पेट की चर्बी से निजात
नकारात्मक विचारों के कारण आप तनाव की समस्या से भी जूझ सकते है। इतना ही नहीं इन विचारों के कारण आप परिवार, दोस्त, सगे संबंधी से भी दूरी बना लेते है। जो कि आपको और तनाव की ओर ले जाता है।
क्या आपके दिमाग में लंबे समय से नकारात्मक विचार चले आ रहे हैं? क्या आप अकसर चिड़चिड़ापन महसूस करते हैं? एक नए अध्ययन का मानना है कि यदि आपमें इनमें से कोई लक्षण दिख रहा है तो आप संभवत: तनाव का शिकार हैं।
ऑनलाइन परामर्श एवं भावनात्मक स्वास्थ्य पोर्टल योर दोस्त द्वारा संचालित अध्ययन में कहा गया कि नकारात्मक विचार तनाव का एक बड़ा लक्षण है। इस अध्ययन में इस बात को रेखांकित किया गया है कि तनाव जैसे मनोवैग्यानिक मुद्दों को अकसर नजरअंदाज किया जाता है। इसके साथ ही यह अध्ययन कहता है कि 50 प्रतिशत मामलों में चिड़चिड़ापन और नकारात्मक विचार तनाव की शुरूआत का संकेत हो सकते हैं। ये संकेत खानपान और सोने की अनियमित आदतों के जरिए भी दिख सकते हैं।
यह अध्ययन कहता है, 41 प्रतिशत प्रतिभागियों को लगा कि जब वे तनाव में थे तब उनकी खाने और सोने से जुड़ी आदतें बदल गई थीं। 39 प्रतिशत लोगों के स्वभाव में बदलाव आए।
अध्ययन में यह भी कहा गया कि भारत की 14 प्रतिशत जनसंख्या भारी तनाव वाले क्षेत्र में है और इसके लिए विशेषग्यों के हस्तक्षेप की जरूरत होती है और इनमें से 58 प्रतिशत लोग किसी परामर्शदाता के पास जाने का रूझान रखते हैं।
इसमें कहा गया, तनाव प्रभावित लोगों में से सिर्फ छह प्रतिशत लोगों ने मनोविग्यानी से बात की थी। शेष 52 प्रतिशत लोगों ने संगीत सुनकर और सोकर खुद को तनाव मुक्त कर लिया।