Thursday, April 25, 2024
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सावधान! कहीं आप डिब्बाबंद मीट तो नहीं खाते, हो सकती है ये बीमारी

प्रसंस्कृत मांस के सेवन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव और अस्थमा के वयस्क मरीजों में आहार के प्रभाव के बारे में बताता है। यह आहार से अस्थमा के जुड़े होने की भूमिका और बीएमआई के संदर्भ में एक नया विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण देता है।"

India TV Lifestyle Desk India TV Lifestyle Desk
Updated on: December 22, 2016 11:44 IST
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हेल्थ डेस्क: हम अपनी हेल्थ के प्रति बहुत ही सजग रहते है। कुछ भी खाने से पहले सौ बार ये सोचते है कि हमारी सेहत के लिए ये अच्छा है कि नहीं, लेकिन कई बार हम कुछ चीजों को लेकर अंजान होते है। जिसके कारण उनका सेवन तो कर लेते है, लेकिन बाद में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी तरह हम सोचते है कि डिब्बाबंद हर चीज आपकी सेहत के लिए अच्छी है। इससे आपको कोई साइड इफेक्ट नहीं पड़ेगा।

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अगर आप ऐसा सोचते है कि आपकी सेहत के लिए डिब्बाबंद हर चीज अच्छी है कि नहीं तो हम आपको बता दें कि डिब्बाबंद मीट आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।  बेहद व्यस्त नगरीय व्यवस्था में डिब्बाबंद खाना निश्चित ही सभी के लिए सहज विकल्प है और डिब्बाबंद मांस तो किसी के भी मुंह में पानी ला देता है। लेकिन सावधान! एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि डिब्बाबंद प्रसंस्कृत मांस के सेवन से अस्थमा की समस्या और बढ़ सकती है।

अध्ययन में कहा गया है कि डिब्बाबंद प्रसंस्कृत मांस में नाइट्राइट की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे स्वांसनली में सूजन हो सकती है, जो अस्थमा का प्रारंभिक लक्षण है।

निष्कर्षो से पता चलता है कि ऐसे व्यक्ति जो हफ्ते में चार या इससे अधिक बार डिब्बाबंद मांस का सेवन करते हैं, उनमें अस्थमा की समस्या के गंभीर होने का खतरा 76 फीसदी अधिक होता है।

इससे सांस लेने में दिक्कत, सीने में जकड़न और दूसरी परेशानियां हो सकती हैं।

पेरिस के पॉल ब्रोउसे अस्पताल के जेन ली ने कहा, "यह शोध प्रसंस्कृत मांस के सेवन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव और अस्थमा के वयस्क मरीजों में आहार के प्रभाव के बारे में बताता है। यह आहार से अस्थमा के जुड़े होने की भूमिका और बीएमआई के संदर्भ में एक नया विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण देता है।"

अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 971 अस्थमा के वयस्क मरीजों (49 प्रतिशत पुरुष) पर परीक्षण किया। इन मरीजों से उनके द्वारा लिए जाने वाले आहार के संबंध में कई चरणों में प्रश्न पूछे गए। इन प्रश्नों में 46 खाद्य समूहों की 118 खाद्य सामग्रियों को शामिल किया गया था।

इसमें प्रसंस्कृत मांस के सेवन को कम (हफ्ते में एक बार), मध्यम (हफ्ते में चार बार) और उच्च (हफ्ते में चार या उससे अधिक) तीन हिस्सों में बांटा गया।

रोचक बात यह है कि अस्थमा के लिए अधिक वजन या मोटापा को प्रतिकूल प्रभाव वाला माना जाता रहा है, लेकिन इस अध्ययन के अनुसार मांस के सेवन और अस्थमा की शिकायत बढ़ने में यह सिर्फ 14 फीसदी मामलों में ही सही साबित हुआ।

इससे स्पष्ट हो गया कि अस्थमा की शिकायत बढ़ने में मांस के सेवन का सीधा प्रभाव होता है।

यह अध्ययन ऑनलाइन शोध पत्रिका जर्नल थोरेक्स के ताजा अंक में प्रकाशित हुआ है।

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