Thursday, April 25, 2024
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सेब और हरे टमाटर से मांसपेशियां होंगी मजबूत

न्यूयॉर्क: बढ़ती उम्र के साथ मांसपेशियों में कमजोरी और क्षरण के कारक प्रोटीन का पता लगाने के दौरान यूनिवर्सिटी ऑफ आयोवा के वैज्ञानिकों ने दो ऐसे प्राकृतिक यौगिकों का भी पता लगाया है जो बूढ़ी

IANS IANS
Updated on: September 10, 2015 7:15 IST
मांसपेशियां मजबूज...- India TV Hindi
मांसपेशियां मजबूज करना हो तो खाएं सेब और हरे टमाटर

न्यूयॉर्क: बढ़ती उम्र के साथ मांसपेशियों में कमजोरी और क्षरण के कारक प्रोटीन का पता लगाने के दौरान यूनिवर्सिटी ऑफ आयोवा के वैज्ञानिकों ने दो ऐसे प्राकृतिक यौगिकों का भी पता लगाया है जो बूढ़ी होती मांसपेशियों में इस प्रोटीन की सक्रियता को कम कर देते हैं, जिसके कारण मांसपेशियों के क्षरण और कमजोरी को कम किया जा सकता है। एटीएफ4 नामक यह प्रोटीन मांसपेशियों के जीन की अभिव्यक्ति में बदलाव लाता है, जिसके कारण मांसपेशियों के प्रोटीन संश्लेषण, ताकत और घनत्व में कमी आ जाती है।


शोध दल ने सेब में पाए जाने वाले अर्सोलिक एसिड और हरे टमाटरों में पाए जाने वाले टोमेटिडाइन की ऐसे सूक्ष्म अणुओं के रूप में पहचान की है जो भूख और असक्रियता के कारण मांसपेशियों को होने वाले नुकसान को रोक सकता है।

इंटरनल मेडिसिन के प्रध्यापक और अध्ययन के वरिष्ठ लेखक क्रिस्टोफर एडम्स ने कहा कि हम अर्सोलिक एसिड और टोमेटिडाइन को बढ़ती उम्र के दौरान होने वाली मांसपेशियों की कमजोरी और क्षरण के उपचार के तौर पर इस्तेमाल कर पाएंगे। खोज के परिणामों की मदद से उम्र के कारण मांसपेशियों की कमजोरी और क्षरण के लिए नए उपचार खोजने में सहायता मिलेगी। नवीनतम अध्ययन में चूहों पर किए गए इस प्रयोग से उनकी मांसपेशियों में कमजोरी और क्षरण में कमी पाई गई है।

वैज्ञानिकों ने जांच में पाया कि दोनों यौगिकों ने मांसपेशी के घनत्व को 10 फीसदी बढ़ा दिया। खास बात यह भी सामने आई कि इनसे मांसपेशियों की गुणवत्ता और ताकत में 30 फीसदी का इजाफा हुआ। यह अध्ययन 'जर्नल ऑफ बायोलोजिकल केमिस्ट्री' में प्रकाशित हुआ है।

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