Thursday, March 28, 2024
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सावधान! प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से पुरूषों को हो सकती है ये गंभीर बीमारी

एडिलेड विश्वविद्यालय और दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य एवं मेडिकल अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने 1,500 से ज्यादा पुरुषों में थैलेट्स नामक रसायन की मौजूदगी की संभावना की जांच की है।

India TV Lifestyle Desk Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: July 22, 2017 11:36 IST
plastic bottle
- India TV Hindi
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हेल्थ डेस्क: आज के सयम में प्लास्टिक से बनी चीजों में खाने की चीजे और पीने का पानी आसानी से मिल जाता है। इसके साथ ही इसे कैरी करना बहुत ही नार्मल होता है। लेकिन आप ये बात नहीं जानते है कि रोजाना प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल करने से आपको हेल्थ संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हाल में हुए एक शोध में ये बात सामने आई।  (कहीं आप इस तरह सेब तो नहीं खाते, हो सकता है जानलेवा)

इस शोध के अनुसार हम जो रोजाना प्लास्टिक की चीजों का सेवन करते है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पुरषों पर पड़ता है। इशसे उन्हे कई गंभीर बीमारी तक हो सकती है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, एडिलेड विश्वविद्यालय और दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य एवं मेडिकल अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने 1,500 से ज्यादा पुरुषों में थैलेट्स नामक रसायन की मौजूदगी की संभावना की जांच की है। (अगर पुरुष करेंगे महीने में 21 बार ये काम, तो कभी नहीं होगी ये जानलेवा बीमारी)

यह रसायन दिल की बीमारी और उच्च रक्तचाप व टाइप-2 मधुमेह से जुड़ा है. एडिलेड विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर जुमिन शी ने कहा कि परीक्षण किए गए पुरुषों में थैलेट्स की पहचान करीब हर (99.6 फीसदी) 35 साल व उससे ज्यादा आयु वाले लोगों के पेशाब के नमूने में पाया गया है. ऐसा प्लास्टिक के बर्तनों या बोतलों में रखे खाद्य पदार्थ को खाने से हुआ है.

शी ने एक बयान में गुरुवार को कहा कि हमने ज्यादा थैलेट्स स्तर वाले पुरुषों में दिल संबंधी बीमारियां, टाइप-2 मधुमेह व उच्च रक्त दाब को बढ़ा हुआ पाया है. उन्होंने कहा कि हम अभी भी थैलेट्स के स्वतंत्र रूप से बीमारी से जुड़े होने से सटीक कारण को नहीं समझ सके हैं. हम मानव अंत:स्रावी प्रणाली पर रसायनों के प्रभाव को जानते हैं, जो हार्मोन के स्राव को नियंत्रित करते हैं, जो शरीर के वृद्धि, उपापचय व लैंगिक विकास व कार्य को नियमित करते हैं.

शी ने कहा कि यह विशेष बात है कि पश्चिम के लोगों में थैलेट्स का स्तर ज्यादा है, क्योंकि वहां बहुत सारे खाद्य पदार्थो को अब प्लास्टिक में पैक किया जाता है. उन्होंने कहा कि पहले के शोध में पाया गया है कि जो सॉफ्ट ड्रिंक पीते हैं और पहले से पैक खाद्य सामग्री को खाते हैं, उनके पेशाब में स्वस्थ लोगों की तुलना में थैलेट्स की मात्रा ज्यादा पाई गई.

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