Friday, April 26, 2024
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यूपी: कभी गायत्री प्रजापति का खर्च उठानेवाला यह शख्स कर्ज में डूबा

कभी गरीबी की अंधेरी गलियों से निकलकर करोड़पति बनने का सफर तय करने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति आज जेल के सलाखों के पीछे हैं।

IANS IANS
Updated on: March 19, 2017 20:37 IST
Gayatri Prajapati | PTI Photo- India TV Hindi
Gayatri Prajapati | PTI Photo

लखनऊ: कभी गरीबी की अंधेरी गलियों से निकलकर करोड़पति बनने का सफर तय करने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति आज जेल के सलाखों के पीछे हैं। प्रजापति के इस सफर में घोटाले उनके साथ-साथ चले। लेकिन उन्हें फर्श से अर्श तक पहुंचाने वाले मनीराम की हालात अर्श से फर्श तक पहुंच गई है।

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खनन माफिया के नाम से मशहूर सूबे के पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रजापति कभी रंगाई-पुताई की ठेकेदारी उठाते थे, लेकिन राजनीति में आने के साथ ही वह कई फर्मो के मालिक बन बैठे और फिर सूबे में कैबिनेट मंत्री बनकर बेरोकटोक आगे निकलते गए। लेकिन उनके राजनीतिक सफर में उनका खर्चा उठाने वाले मनीराम आज कर्ज में डूबे हैं।

कौन हैं प्रजापति के पहले चुनाव का खर्च उठाने वाले मनीराम?

लोकदल के टिकट से चुनाव लड़ने के बाद प्रजापति अमेठी और प्रदेश के राजनीतिक महापंडितों के निगाह में आ गए। समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों ने अमेठी विधानसभा क्षेत्र में पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रजापति को इटावा के MLC दयाराम प्रजापति से मिलाया तो वह दयाराम के जरिये समाजवादी नेता हीरालाल आजाद व भागवत प्रजापति के साथ मुलायम सिंह यादव के करीबी बने। घनिष्टता बढ़ी तो वह जिले के पार्टी उपाध्यक्ष मनीराम वर्मा, राम सिंगार गौतम, नसीमुद्दीन, कृष्णा यादव व हौसिला यादव करवी के संपर्क में भी आए।

‘2002 में प्रजापति की चुनाव लड़ने की भी हैसियत नहीं थी’
सपा नेता मनीराम वर्मा कहते हैं, ‘करोड़ों के मालिक प्रजापति की 2002 में चुनाव लड़ने की हैसियत नहीं थी। उस दौरान पोस्टर, बैनर से लेकर कार्यकर्ताओं पर खर्च होने वाले धन का वहन मैंने किया। जब दिन अच्छे हुए तो प्रजापति सब कुछ भूल गए।’ इस समय मनीराम पर बैंक का लगभग छह लाख रुपये से ज्यादा कर्ज है। मनीराम बताते हैं कि चुनाव लड़ने के बाद प्रजापति का संपर्क अमेठी में रहे SDM मताफेर से हुआ। मताफेर ने शहीद पथ पर प्रजापति को जमीन का पट्टा दिलवा दिया। पट्टे की रजिस्ट्री होने के बाद प्रजापति के दिन बहुरने शुरू हुए तो पुराने साथियों को भूलते गए। 

यह है गायत्री प्रजापति का सफर: 

  • HAL में 1985 से लेकर 1990 तक पेंटिग एवं साफ-सफाई का काम।
  • 1993 बहुजन क्रांति दल से विधान सभा चुनाव लड़ा और हारे।
  • 1996 नगर पंचायत अमेठी बतौर ठेकेदार (रंगाई-पुताई)।
  • 1996 व 2002 में अमेठी से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और हार गए।
  • 1996 से 2012 के बीच कई फर्म के रजिस्ट्रेशन कराए।
  • 2012 मे समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े और विधानसभा पहुंचे।
  • 2013 में सिचाई राज्य मंत्री बने।
  • 2014 जनवरी में प्रमोशन हुआ और कैबिनेट मंत्री (भूतत्व एवं खनिकर्म) बने। 
  • 2016 में 13 सितंबर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त हुए।
  • अक्टूबर में पुन: कैबनेट मंत्री (परिवहन) बने।
  • 2017 में 11 मार्च को चुनाव परिणाम में हार गए।

प्रजापति की रजिस्टर्ड फर्में:

  • डिसेंट कंस्ट्रक्शन प्रा.लि., नई दिल्ली।
  • लाइफ क्योर मेडिकल र्सिच सेंटर प्रा.लि., नई दिल्ली।
  • एमजी कालोनाइजर।
  • सुमंश एक्सपोर्ट, कोलकाता।
  • ड्रीम प्रेस्टिनेशन इंफ्रलैंड सर्विसेज प्रा.लि., लखनऊ।
  • पावनि डवलपर्स प्रा.लि.।
  • वैष्ण इंफ्राहाइट प्रा.लि.।

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