Friday, March 29, 2024
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उत्तराखंड चुनाव: कांग्रेस ने जारी की 63 उम्मीदवारों की लिस्ट, CM रावत 2 सीटों से लड़ेंगे चुनाव

ऊधम सिंह नगर: कई दिनों से दिल्ली दरबार में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मीटिंग के दौरे के बाद आखिरकार आज उत्तराखंड कांग्रेस ने अपने 63 विधानसभा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी।

Nahid Khan Nahid Khan
Updated on: February 28, 2017 15:31 IST
harish rawat- India TV Hindi
harish rawat

ऊधम सिंह नगर: कई दिनों से दिल्ली दरबार में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मीटिंग के दौरे के बाद आखिरकार आज उत्तराखंड कांग्रेस ने अपने 63 विधानसभा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी। इस लिस्ट के जारी होने के बाद कई कांग्रेस के बागियो ने कांग्रेस छोड़ कर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा कर दी है। कई कांग्रेसी नेताओ ने पाला बदल कर भाजपा का दामन थाम लिया है।

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बगावत के सुर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में उभर रहे है। ताज़ा मामला ऊधम सिंह नगर के ज़िला पंचायत अध्यक्ष ईश्वरी प्रसाद गंगवार का है,जिन्होंने अपने पुत्र को टिकट न दिए जाने से नाराज़ होकर कांग्रेस को बाय बाय कह दिया और बागी हुए यश पाल आर्य के साथ भाजपा का दामन थाम लिया। इससे कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।

कांग्रेस ने अपनी विशेष रणनीति के तहत आखरी वक़्त तक कांग्रेस प्रत्याशियों की लिस्ट को टाले रखा था। काफी मंथन के बाद यह लिस्ट जारी की गई है। हालांकि अभी 7 विधानसभा क्षेत्रो में प्रत्याशी चयन का कोई निर्णय नहीं हो पाया है।

कांग्रेस की पहली लिस्ट में मुख्यमंत्री हरीश रावत को 2 स्थानों से प्रत्याशी बनाया गया है। एक गढ़वाल मंडल के अन्तर्गत हरिद्वार जिले की हरिद्वार (ग्रामीण) और दूसरी सीट ऊधम सिंह नगर ज़िले की किच्छा विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है।

इसके पीछे कांग्रेस की रणनीति यह है तराई के ऊधम सिंह नगर ज़िले की 9 विधानसभा सीटों को कांग्रेस के पक्ष में प्रभावित किया जा सके। वही हरिद्वार जिले में भी हरीश रावत अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके वहां कांग्रेसी प्रत्याशियों की वैतरणी पार लगा सके। हरिद्वार की इस सीट पर काफी समय से उनकी पुत्री अनुपमा रावत लगी हुई थी।

जबकि तराई के मैदानी ऊधम सिंह नगर ज़िले की सुरक्षित किच्छा विधानसभा सीट पर खुद मुख्यमंत्री रणनीति बनाकर कांग्रेसी नेताओ को खास तवज्जो दे रहे थे और उनके आपसी मनमुटाव को दूर कराकर कांग्रेसियों को मज़बूत करने में लगे हुए थे। इस विधानसभा क्षेत्र में 32 हज़ार मुस्लिम मतदाता है। इनको रिझाने के लिए तीन-तीन मुस्लिमो को राज्य मंत्री स्तर के पद दिए गए थे।

लगभग एक दर्जन प्रत्याशियों को जो यहां से अपनी उम्मीदवारी की आस लगाए बैठे थे। उनको भी टिकट दिलाने के लिए आश्वस्त किये हुए थे, लेकिन किसी को भी मुख्यमंत्री की रणनीति की भनक तक नहीं लगी। अब चुनावी माहौल में 'हरदा' अपनी चालो से उत्तराखंड में फिर से कांग्रेस  को सत्ता दिला पाते है या बागियो की टोली उनकी रणनीति पर भारी पड़ेगी?

राजनीतिक पंडितो का कहना है कि हरीश रावत से नाराज़ होकर बगावत करने वाले अधिकांश बड़े नेताओ के कांग्रेस छोड़ देने से उनकी राह में मुश्किलें कम हुई है। हालांकि टिकट बंटवारे से थोड़ी बहुत बगावत तो होगी। लेकिन चुनाव का गणित एक बार फिर से हरीश रावत को उत्तराखंड के सिंहासन पर बैठा सकता है। जो भी हो अब चुनाव का ऊठ किस करवट बैठता है कोई नहीं जानता।   

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