लखनऊ: उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मायावती को जोरदार झटका लगा है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के BSP से इस्तीफा देने के बाद पार्टी चीफ मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस कर उन पर जम कर बरसी। मायावती ने कहा कि, 'मौर्य पार्टी नहीं छोड़ते, तो हम उन्हें निकाल देते। वे हमेशा पार्टी लाईन से हटकर बोलते थे।' उन्होंने कहा, 'अच्छा हुआ उन्होंने अपने आप ही पार्टी छोड़ दी।'
मायावती ने कहा कि, 'स्वामी प्रसाद मौर्य को परिवारवाद का मोह था। वे अपने बेटा-बेटी को टिकट दिलाना चाहते थे। 2012 में मौर्य के बेटा-बेटी को पार्टी टिकट दिया था पर वो चुनाव हार गए।' उन्होंने कहा कि, 'रिश्तेदार-परिवारवालों को MP-MLA का टिकट नहीं दूंगी।'
स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया इस्तीफा
स्वामी प्रसाद मौर्य ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान घोषणा करते हुए आज बसपा से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने मायावती पर कई गंभीर आरोप भी लगाए। मौर्य ने कहा कि दलितों और पिछड़ों का BSP में दम घुट रहा है। माया अंबेडकर के सपने पूरा करने का दिखावा तो करती हैं, लेकिन दलितों के साथ धोखा करती हैं। वह सिर्फ दिखावे के लिए अंबेडकर का जन्मदिन मनाती हैं।
टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए मौर्य ने कहा कि जिला पंचायत चुनाव में भी पैसे लेकर टिकट बांटे गए थे। मायावती ने दलितों को सिर्फ भुनाया है। उन्होंने कहा कि जो बसपा से निकाले गए हैं और जो बसपा के अंदर हैं, मगर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है, ऐसे लोगों से बातचीत करके आगे की रणनीति तय की जाएगी।
मौर्य लंबे समय से बसपा में मायावती के एक मजबूत स्तंभ के तौर पर थे। बसपा सरकार में वह हमेशा प्रमुख पदों व अहम विभागों के मंत्री रहे हैं और मौजूदा समय में नेता प्रतिपक्ष के रूप में काम कर रहे थे। अटकलें लगाई जा रही हैं कि मौर्य जल्द ही समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं और अखिलेश मंत्रिमंडल के अगले विस्तार में उनको बतौर कैबिनेट मंत्री जगह मिल सकती है।