Friday, April 19, 2024
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संसद भवन में GST पेश करने के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेगी तृणमूल कांग्रेस

तृणमूल कांग्रेस ने 30 जून की मध्यरात्रि को संसद भवन में जीएसटी पेश किये जाने के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने लेने का निर्णय किया है क्योंकि अर्थव्यवस्था एक जुलाई से जीएसटी अपनाने को तैयार नहीं है और सभी नियमों एवं प्रक्रियाओं को अधिसूचित करने के लि

Bhasha Bhasha
Updated on: June 28, 2017 16:03 IST
mamata banerjee- India TV Hindi
mamata banerjee

नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस ने 30 जून की मध्यरात्रि को संसद भवन में जीएसटी पेश किये जाने के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने लेने का निर्णय किया है क्योंकि अर्थव्यवस्था एक जुलाई से जीएसटी अपनाने को तैयार नहीं है और सभी नियमों एवं प्रक्रियाओं को अधिसूचित करने के लिये अभी कम से कम 6 महीने और चाहिए।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, नोटबंदी के बाद यह जल्दबाजी केंद्र की ओर एक और महान भूल है। हम प्रारंभ से ही जीएसटी के पक्ष में थे लेकिन जिस तरह से केंद्र सरकार इसे लागू कर रही है, उसको लेकर हम चिंतित हैं।

उन्होंने कहा कि हमने बार बार आग्रह किया कि जीएसटी को ठीक ढंग से लागू करने के लिये कुछ और समय दिया जाना चाहिए लेकिन उसे नजरंदाज किया गया। पूरा कारोबारी समुदाय विशेष तौर पर छोटे और मध्यम श्रेणी के कारोबारी भ्रमित हैं और डरे हुए हैं। इस पहल को कुप्रबंधित ढंग से पेश किये जाने के लिये कुछ ही घंटे बचे हैं और लोग इससे आशंकित हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान कर व्यवस्था में 20 अलग-अलग प्रकार के कर हैं और हम महसूस करते हैं कि एक कर व्यवस्था और सभी बाजारों को जोड़ने से सभी को बड़ी राहत मिलेगी। वर्तमान केंद्र सरकार ने 7 वर्षो से अधिक समय तक जीएसटी का विरोध किया था और अचानक पलटते हुए इसकी सबसे बड़ी पैरोकार हो गई।

ममता ने कहा कि हमारा मानना है कि अर्थव्यवस्था एक जुलाई से जीएसटी अपनाने को तैयार नहीं है और सभी नियमों एवं प्रक्रियाओं को अधिसूचित करने के लिये अभी कम से कम छह महीने और चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे संसदीय दल ने विरोधस्वरूप 30 जून 2017 की मध्यरात्रि को संसद भवन में जीएसटी पेश करने के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय किया है।

ममता बनर्जी ने कहा कि भारत के कपड़ा उद्योग द्वारा तीन दिनों के हड़ताल की घोषणा हमारी उन चिंताओं के संदर्भ में सबूत है कि इस बारे में पूरी तैयारी नहीं है। उन्होंने कहा कि छोटे कारोबारी लेखा व्यवस्था, आईटी प्रणाली जैसे बुनियादी जरूरतों को लेकर अभी तैयार नहीं हैं। इसके साथ ही रिटर्न फॉर्म को भी पहले छह महीने के लिये सरल बनाने की जरूरत है।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि इन सबके बिना अफरातफरी वाली स्थिति पैदा हो जायेगी जिसके लिये सरकार जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि लोगों और कारोबारियों की आवाज केंद्र सरकार सुनेगी।

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