अहमदाबाद: राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं को ट्विटर पर अनफोलो करने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता शंकरसिंह वाघेला ने आज भाजपा में लौटने की अटकलों पर विराम लगा दिया। वाघेला ने कहा कि कांग्रेस नेता को अनफोलो करने का उनका फैसला निजी नहीं था। दरअसल वह इस साल के अंत में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव तक सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं रहेंगे ताकि वह अपने बारे में गलत संदेशों और अटकलों को रोक सकें।
राज्य के कांग्रेसी नेताओं के एक तबके की ओर से यह मांग उठती रही है कि वाघेला को प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया जाए, लेकिन पार्टी यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह चुनाव से पहले किसी को इस पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करेगी।
वाघेला कल पार्टी के आईटी सेल द्वारा आयोजित एक समारोह में भी शामिल नहीं हुए और उनकी गतिविधियों को पार्टी में संभावित दरार के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। गांधीनगर में आज मीडिया को संबोधित करते हुए वाघेला ने हालांकि कहा कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि उनकी इस समय रिटायर होने की कोई योजना नहीं है।
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अपने करीबियों में बापू के नाम से पुकारे जाने वाले वाघेला ने संवाददाताओं से कहा, हालांकि मैं पहले ही यह स्पष्ट कर चुका हूं कि मैं अगले मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं लेकिन सोशल मीडिया में बापू को मुख्यमंत्री के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। इसलिए किसी भी प्रकार के भ्रम और गलतफहमी को साफ करने के लिए, मैंने प्रत्येक को अनफोलो करने का फैसला किया है।
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, इसमें कुछ निजी नहीं है क्योंकि मैंने हर किसी को अनफोलो कर दिया है। मैंने सोशल मीडिया से दूर रहने का फैसला किया है ताकि मेरे बारे में गलत संदेशों और अटकलों को फैलने से रोका जा सके।
अपने ट्विटर अकाउंट पर राहुल गांधी और अन्य को अनफोलो करने के अलावा 77 वर्षीय वाघेला ने अपने अकाउंट से सभी भाजपा विरोधी पोस्ट को भी हटा लिया था, जिसके बाद इन अटकलों को हवा मिली कि वह कांग्रेस छोड़कर भगवा पार्टी में जा सकते हैं जिसे उन्होंने 1996 में छोड़ दिया था।