लखनऊ: मुलायम सिंह यादव के कुनबे में सुलह हो रही है या कलह जारी है, इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है। आज मुलायम सिंह यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जो बातें कहीं, उससे तो लग नहीं रहा है कि सुलह का कोई फॉर्मूला तय हो पाया है। जबकि लखनऊ में शिवपाल समर्थकों ने उनकी मंत्रिमंडल में वापसी को लेकर धरना शुरू कर दिया है।
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मुलायम सिंह यादव के परिवार की कलह पर आज भी कोई स्थिति साफ नहीं हो पाई वरना अखिलेश यादव उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहते जो मुलायम ने की और जिसमें शिवपाल भी मौजूद थे। ये बात जुदा है कि मुलायम ने पूरी पार्टी के एकजुट होने का दावा किया मगर अगले ही पल उन्होंने अखिलेश को दरकिनार भी कर दिया।
'पूरी पार्टी एक है, अगला सीएम विधायक चुनेंगे'
मुलायम ने कहा, ‘हमारा परिवार एक है पार्टी एक है... पार्टी एक है...परिवार एक है...पूरे कार्यकर्ता...पूरे नेता एक हैं। जब भी हमने मुख्यमंत्री पद का फैसला किया तो विधान मंडल दल की बैठक में नाम पेश किया उन्होंने समर्थन किया...अगर विधायक चुने जाते हैं...सभी में यही परंपरा है।
मुलायम सिंह ने अखिलेश को यूपी चुनाव में पार्टी का चेहरा बनाए जाने से परहेज किया है। इसके मायने ये हैं कि संग्राम अभी थमा नहीं है। वैसे मुलायम ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो बातें कहीं उससे कुछ चीज़ें बहुत साफ हो गईं-
- नंबर-1 सीएम का चेहरा नहीं होंगे अखिलेश
- नंबर-2 अगला सीएम विधायक ही चुनेंगे
- नंबर-3 मुलायम सरकार की कमान नहीं संभालेंगे
- नंबर-4 शिवपाल के मंत्रिपद का फैसला अखिलेश करेंगे
- नंबर-5 रामगोपाल यादव की अब कोई अहमियत नहीं है
'रामगोपाल को महत्व नहीं'
मुलायम ने कहा कि रामगोपाल यादव की अहमियत कुनबे में नहीं है। जिस झगड़े को लेकर आज सुलह की कोशिशें होती दिख रही थीं, उसमें मुलायम सिंह यादव के बयानों ने और पेंच फंसा दिया है। मुलायम ने कहा, ‘कुछ षडयंत्रकारी हैं उनका कोई जनाधार ही नहीं है। वो बाहर के कुछ लोग हैं, उनकी बात को अब मैं कोई महत्व नहीं देता हूं।’
'शिवपाल की वापसी सीएम जाने'
जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी वापसी होगी मंत्रिमंडल में जिनको हटाया है?इस पर नेताजी ने कहा कि ये मैं मुख्यमंत्री पर छोड़ता हूं जो आप बोल रहे हैं। मुख्यमंत्री सुन रहे हैं वो मैं मुख्यमंत्री पर छोड़ता हूं।
मुलायम सिंह यादव का बयान तमाम संकेत खुद ही दे रहा है लेकिन दिलचस्प ये है कि इन संकेतों के बावजूद यूपी के इस सबसे बड़े राजनीतिक घराने में सुलह की कोशिशें फिर भी चल रही हैं।