लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के कर्मचारी ने उनके अधिकारिक आवास से मंत्री के रूप में उनकी नाम पट्टिका हटा दी। यह इस बात का संकेत है कि शिवपाल अपने भतीजे व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार में वापसी नहीं चाहते।
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साढ़े चार साल पुरानी उत्तर प्रदेश की सपा सरकार में दूसरे नम्बर के कद्दावर मंत्री शिवपाल यादव को पिछले एक महीने में दूसरी बार हटाया गया। उनके एक सहायक ने को बताया कि उनकी गाड़ी से लालबत्ती हटा दी गई है और उन्होंने अपना आधिकारिक वाहन राज्य के संपत्ति विभाग को सौंप दिया।
राजनीतिक गलियारों में इस कदम को अखिलेश को शिवपाल की झिड़की के रूप में देखा जा रहा है। बताया जाता है है कि मुलायम के साथ सुलह के प्रयास के दौरान शिवपाल और तीन अन्य मंत्रियों-ओमप्रकाश सिंह, नारद राय और शादाब फातिमा को पुन: मंत्रिमंडल में वापस लेने के बदले अखिलेश ने पार्टी से रामगोपाल यादव का निष्कासन निरस्त कराने की कोशिश की।
मुलायम ने शुरुआत में अखिलेश से बर्खास्त मंत्रियों को फिर बहाल करने को कहा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनकी बातें नहीं मानीं। मजबूरन सपा प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा कि यह मुद्दा उन्होंने अखिलेश पर छोड़ दिया है।
मंत्रिमंडल से बर्खास्त पूर्व पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुलायम सिंह के बगल में बैठे थे। जब सपा प्रमुख ने यह बयान दिया तो वे नाराज लग रहे थे।