नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और उप-राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने आज क्यूबा के क्रांतिकारी नेता फिदेल कास्त्रो के निधन पर शोक प्रकट किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत कास्त्रो की यादें हमेशा सहेज कर रखेगा। क्यूबा गणराज्य के राष्ट्रपति रॉल कास्त्रो रूज को भेजे एक संदेश में प्रणब ने कहा कि फिदेल कास्त्रो भारत के दोस्त थे। अपने लोगों की आजादी और प्रगति की खातिर उनके संघर्ष के लिए भारत के लोग उनके प्रशंसक हैं।
प्रणब ने कहा, आपके भाई और क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति एवं क्यूबा की क्रांति के नेता फिदेल कास्त्रो रूज के निधन का समाचार प्राप्त कर मुझे बहुत दुख हुआ। कृपया मेरी हार्दिक संवेदनाएं स्वीकार करें। साल 1959 की क्रांति की सफलता के बाद क्यूबा को सबसे पहले मान्यता देने वाले देशों में भारत भी शामिल था। कास्त्रो के करिश्माई नेतृत्व में क्यूबा ने कई सराहनीय उपलब्धियां, खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य, जैव-प्रौद्योगिकी एवं खेल के क्षेत्रों में, हासिल की।
प्रणब ने कहा, गुटनिरपेक्ष आंदोलन सहित विश्व मंच पर वह लंबे समय तक बहुत बड़ी शख्सियत रहे। भारत और क्यूबा के बीच करीबी रिश्तों में राष्ट्रपति कास्त्रो के निजी योगदान को हम हमेशा याद करेंगे। 1983 में गुटनिरपेक्ष आंदोलन शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति कास्त्रो की नयी दिल्ली यात्रा की यादें हमारे जेहन में अब भी ताजा हैं। भारत क्यूबा गणराज्य के लोगों के साथ शोक मना रहा है।