कोझिकोड: मुसलमानों तक पहुंच बनाने की पहल करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भाजपा की बैठक में कहा कि वे घृणा के पात्र नहीं हैं और न ही उन्हें वोट मंडी की वस्तु के रूप में देखा जाना चाहिए बल्कि उनके साथ अपनों की तरह से व्यवहार करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जनसंघ के विचारक दीनदयाल उपाध्याय का हवाला दिया और कहा कि मुस्लिमों को अपना माना जाना चाहिए। केरल में मुस्लिमों की अच्छी खासी आबादी है और पार्टी वहां अपना आधार बढ़ाना चाहती है। भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का मिशन सबका साथ, सबका विकास कोई राजनीतिक नारा नहीं है बल्कि समाज के अंतिम पायदान पर खडे व्यक्ति का कल्याण सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है।
अपने भाषण में मोदी ने धर्मनिरपेक्षता, संतुलित एवं समावेशी विकास और चुनाव सुधारों की जरूरत के बारे विस्तार से चर्चा की और दीनदयाल उपाध्याय को उनकी जन्मशती पर उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा, इन दिनों इसकी परिभाषा को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जाता है। यहां तक कि इन दिनों राष्ट्रवाद को भी कोसा जाता है।
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दीन दयाल उपाध्याय के जीवन एवं योगदान का जिक्र करते हुए मोदी ने उनका हवाला देते हुए कहा कि मुसलमानों को न पुरस्कृत करो और न ही फटकारो। उन्हें सशक्त बनाओ। वे न तो वोट मंडी की वस्तु हैं और न ही घृणा के पात्र। उन्हें अपना समझो। प्रधानमंत्री ने जनसंघ के दिनों के बाद से पार्टी की यात्रा को याद किया और इस बात पर जोर दिया कि हमने विचारधारा के साथ कभी समझौता नहीं किया।
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा विचारधारा से समझौता करती तब काफी पहले सत्ता हासिल कर लेती। मोदी ने कहा कि कोई भी अछूत नहीं है और अगर कोई मनुष्य आहत होता है तब पूरे समाज को इसकी पीड़ा की अनुभूति होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश के पूर्वी हिस्से का विकास करने के प्रयास में लगी है जो एकात्म मानववाद की विचारधारा से प्रेरित है। ऐसा इसलिए है क्योंकि देश के पश्चिमी हिस्से विकसित हैं जबकि पूर्वी भाग पिछड़ा है... ऐसे में भारत माता कैसे समृद्ध होगी।
गरीबों एवं समाज के वंचित वर्गो के उत्थान और विकास पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि सरकार सबका साथ, सबका विकास के प्रति प्रतिबद्ध है और समाज के अंतिम पायदान के लोगों को केंद्र की विकास योजनाओं के केंद्र में होना चाहिए।