नयी दिल्ली: बड़े नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के विरोध में लोकसभा में विपक्ष के भारी हंगामे के कारण आज भी प्रश्नकाल बाधित रहा और एक बार के स्थगन के बाद करीब साढ़े 12 बजे सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। सदन मैं कार्य स्थगित करके मतविभाजन वाले नियम 56 के तहत तत्काल चर्चा कराने की विपक्ष की मांग को लेकर शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बार दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सरकार का कहना है कि यह कदम कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोट के खिलाफ उठाया गया है और वह नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है हालांकि विपक्षी दल कार्य स्थगित करके चर्चा कराने की मांग पर अड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सदन में मौजूदगी में इस विषय पर अपनी मांग के समर्थन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस सदस्य अपने हाथों में बड़ा बैनर लिये हुए थे जिस पर नोटबंदी के विरोध में नारे आदि लिखे हुए थे। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बैनर दिखाना नियमों के खिलाफ है। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है। लेकिन इस प्रकार से बैनर, पोस्टर दिखाना कांग्रेस जैसे दल के लिए ठीक नहीं है जिसने देश पर 50 साल से अधिक समय तक शासन किया।
अनंत कुमार ने कहा कि नोटबंदी पर एक-दो या तीन दिन भी चर्चा की जा सकती है, हम उसके लिए तैयार हैं। लेकिन इस प्रकार से सदन की कार्यवाही बाधित करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, असम के कल आये उपचुनाव के नतीजों में हमें जनादेश मिला है और यह नोटबंदी के पक्ष में जाता है। कांग्रेस को जनादेश समझाना चाहिए और चर्चा करना चाहिए। हालांकि, विपक्षी दलों का शोर शराबा जारी रहा। अध्यक्ष ने प्रश्नकाल की कार्यवाही चलाने का प्रयास किया लेकिन व्यवस्था कायम नहीं होते देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।