लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद सरकार बनाने के लिए बीजेपी से हाथ मिलाने के समाजवादी पार्टी के आरोपों को खारिज करते हुए बहुजन समाज पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी भगवा पार्टी की मदद के लिए मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दिकी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है कि बीएसपी और बीजेपी अगली सरकार बनाने के लिए साथ आ सकते हैं।
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नसीमुद्दीन ने कहा कि समाजवादी पार्टी का उद्देश्य मुसलमान मतदाताओं को गुमराह करना है क्योंकि उसे पता है कि बड़ी संख्या में मुसलमान मतदाता बीएसपी के साथ आ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और सपा एक दूसरे का हित साध रहे हैं। बीएसपी सरकार के समय बीजेपी कमजोर हुई है। लेकिन जब जब सपा की सरकार बनी है तब तब बीजेपी मजबूत हुई है। सिददीकी ने कहा कि सपा का जन्म जनसंघ और बीजेपी की मदद से हुआ है। इतिहास गवाह है कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव 1967 में जब पहली बार जसवंत नगर से विधायक बने तो जनसंघ की मदद से बने।
उन्होंने कहा कि बीएसपी ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार जरूर चलाई है लेकिन पार्टी के उसूलों और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। हमने बीजेपी और आरएसएस के अजेंडे को अपनी सरकार में लागू नहीं होने दिया। सिद्दिकी ने दावा किया कि प्रदेश का मुसलमान सपा और बीजेपी की सच्चाई को जान गया है और पिछले लगभग साढ़े चार साल से अपनी जान-माल की कुर्बानी देकर झेल रहा है। इसलिए अब मुसलमान समाजवादी पार्टी के किसी बहकावे में आने वाला नहीं है। प्रदेश का मुसलमान सांप्रदायिक शक्तियों का खात्मा करने में सक्षम बीएसपी के साथ खड़ा है।