नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने हाल ही में पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करने के लिए आतंकवाद प्रायोजक देश की घोषणा विधेयक, 2016 नामक एक प्राइवेट मेंबर बिल राज्यसभा में पेश किया था। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म करने की भी मांग की थी। लेकिन अब मोदी सरकार राजीव के इस बिल का विरोध करेगी।
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एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिल का विरोध करते हुए संसदीय सचिवालय को लिखा कि इससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए खतरा पैदा हो सकता है। वहीं, एक वरिष्ठ सरकारी अफसर ने कहा कि हमारे पड़ोसी देशों के साथ कूटनीतिक संबंध हैं, जिसमें व्यापार और उच्चायोग भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के तहत किसी भी पड़ोसी देश को आतंकी देश घोषित करना समझदारी नहीं होगी।
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चंद्रशेखर ने राज्यसभा में उरी हमले का जिक्र करते कहा था कि 18 सितंबर 2016 में हुए आतंकी हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे। यह भारत के खिलाफ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का हिस्सा था। जहां तक मेरे जेहन में बात आ रही है तो मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि पाकिस्तान पिछले कई सालों से जो हरकत कर रहा है उसके लिए उसे एक ‘आतंकवाद प्रयोजक’ देश कह सकते हैं।’ दशकों से भारत और इस क्षेत्र के अन्य देश पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों और आतंकियों के हमले का शिकार होता रहा है।
उन्होंने कहा कि यह सच है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और इसीलिए इस विधेयक को यहां रखा गया है ताकि पाकिस्तान पर जिम्मेदारी तय की जा सके। वर्षों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से भारत, अफगानिस्तान, बंग्लादेश और दुनिया के कई हिस्सों में निर्दोष लोगों की जान गई है।
चंद्रशेखर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने की जरूरत है ताकि उसे आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए रोक लगाया जा सके। पाकिस्तान अलग-अलग नामों से 1947, 1999 में भारत में आतंकी भेज हमपर हमले करता रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘दुनिया में किसी भी देश या समूह को निर्दोष लोगों के खिलाफ आतंक फैलाने की छूट नहीं दी जा सकती है।