नयी दिल्ली: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष गैरूल हसन रिजवी ने कहा है कि आयोग ऐसे समय सरकार और समुदायों के बीच एक सेतु का काम करेगा जब उनके बीच भय का माहौल बनाया जा रहा है।
भाजपा के अल्पसंंख्यक मोर्चे के पूर्व राष्ट्रीय सचिव रिजवी ने आज अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का पदभार संभाला। उन्होंने कहा कि आयोग अल्पसंख्यकों तक पहंुच बनाने के लिए सक्रिय रूख अपनाएगा ताकि उन्हें त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
रिजवी ने किसी व्यक्ति या पार्टी का नाम लिये बिना कहा, अल्पसंख्यकों के बीच भय का माहौल बनाया जा रहा है। आयोग का काम मूल रूप से अल्पसंख्यकों के बीच सुरक्षा की यह भावना निर्मित करना होगा कि उनके मूलभूत अधिकार सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा, आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए एक सेतु के तौर पर काम करेगा कि सरकार और अल्पसंख्यकों के बीच विश्वास की कोई कमी नहीं हो।
यह कहे जाने पर कि आयोग के नियुक्त सदस्यों में से किसी ने भी न्यायपालिका या प्रशासन में काम नहीं किया है, रिजवी ने कहा कि इससे आयोग के कामकाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि सदस्यों ने सामाजिक क्षेत्र में काम किया है और वे जमीनी वास्तविकताओं से अवगत हैं। उन्होंने कहा कि आयोग के बाकी चार सदस्य अपना पदभार सोमवार को ग्रहण करेंगे।
सरकार ने गत 24 मई को रिजवी को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त करने की घोषणा की थी। दो महीने से अधिक समय से पूर्ववर्ती आयोग में कोई सदस्य नहीं था।
केरल से भाजपा नेता जॉर्ज कुरियन, महाराष्ट्र से पूर्व मंत्री सुलेखा कुंभारे, गुजरात से जैन प्रतिनिधि सुनील सिंघी और पारसी समुदाय के प्रतिनिधि वी दस्तूरजी के. के. दस्तूर आयोग के अन्य सदस्य हैं।
देश में मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, सिख, पारसी और जैन छह अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय हैं।