Friday, March 29, 2024
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यशवंत सिन्हा की अगुवाई में हुर्रियत नेताओं से मिलना निजी पहल: केन्द्र सरकार

नयी दिल्ली: सरकारी सूत्रों ने आज इन ख़बरों को ग़लत बताया कि सरकार की पहल पर यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में एक दल हुर्रियत नेताओं से जम्मू-कश्मीर में बात कर रहा है। सूत्रों का कहना

India TV News Desk India TV News Desk
Published on: October 25, 2016 13:36 IST
yashwant sinha- India TV Hindi
yashwant sinha

नयी दिल्ली: सरकारी सूत्रों ने आज इन ख़बरों को ग़लत बताया कि सरकार की पहल पर यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में एक दल हुर्रियत नेताओं से जम्मू-कश्मीर में बात कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि वे अपनी ही पहल पर कश्मीरी नेताओं से मिलने गए हैं।

आज सुबह ख़बर थी कि पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की अगुवाई में आए इस 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने घाटी के हालातों को सुधारने की कोशिश में आज हुर्रियत कांफ्रेस (जी) के नेता सैय्यद अली शाह गिलानी से श्रीनगर में मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल ने गिलानी से हैदरपोरा इलाके में स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। श्रीनगर पहुंचते ही ये प्रतिनिधिमंडल सीधे गिलानी के घर पर पहुंचा जहां गिलानी को पहले से ही पुलिस द्वारा हाउस अरेस्ट किया गया है।  जानकारी के मुताबिक अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर कश्मीर पहुंचे इस प्रतिनिधिमंडल के लोग कश्मीर के लोगों और केंद्र सरकार के बीच बंद संवाद को खत्म करने की कोशिश करेंगे। 

आपको बता दें कि सितंबर में में गृहमंत्री राजनाथ के साथ एक सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल कश्मीर गया था। राजनाथ सिंह घाटी में अशांति ख़त्म करन के लिए सभी नेताओं को बातचीत का खुला न्यौता दिया था जिसे हुर्रियत नेताओं ने ठुकरा दिया था। इसके बाद सिताराम येचुरी के साथ चार अन्य सांसद हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी से मिलने उनके घर गए थे, लेकिन गिलानी ने यह कह कर उनसे मिलने से इनकार कर दिया कि इनका कोई फायदा नहीं। गिलानी ने इन सांसदों के लिए घर का दरवाज़ा भी नहीं खोला। सिर्फ खिड़की से पर्ची ली और थोड़ी देर बाद मिलने से इनकार कर दिया था।

आपको बता दें कि जो भी सांसद अलगावादी नेताओं से मिलने उनके पास गए थे, वे अपने निजी इच्छा पर गए थे, प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर नहीं। इससे पहले हुर्रियत ने एक बयान जारी कर महबूबा मुफ़्ती की बातचीत की पेशकश पहले ही ठुकरा दी थी और कहा था कि जम्मू कश्मीर की सीएम के पास कश्मीरियों की तरफ से बोलने का कोई अधिकार नहीं है हालांकि इस बयान के बावजूद ये नेता हुर्रियत नेताओं से मिलने उनके घर गए थे।

बाद में राजनाथ सिंह ने एक प्रेस कॉंफ़्रेंस में कहा था कि कश्मीर में सामान्य हालात बनाने के लिए बातचीत के दरवाज़े ही नहीं रौशनदान भी खुले हुए हैं।

ग़ौरतलब है आतंकवादी बुरहाल वानी के एक मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से घाटी में हिंसक वारदातें हो रही हैं और 80 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं।

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