Friday, April 26, 2024
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घाटी में शांति के लिए वाजपेयी की नीति अपनाने की जरूरत: CM महबूबा

जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हिंसाग्रस्त राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नीति पर काम करने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि इस समस्या के हल के लिए वार्ता एकमात्र उपाय है, लेकिन सबसे प

IANS IANS
Updated on: April 24, 2017 19:35 IST
mehbooba mufti- India TV Hindi
mehbooba mufti

नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हिंसाग्रस्त राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नीति पर काम करने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि इस समस्या के हल के लिए वार्ता एकमात्र उपाय है, लेकिन सबसे पहले इसके लिए अनुकूल माहौल बनाए जाने की जरूरत है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पत्थरबाजी और गोलीबारी के माहौल में वार्ता संभव नहीं है। महबूबा ने हुर्रियत नेताओं से बातचीत की संभावनाओं के संवाददाताओं के प्रश्न पर कहा, "हमने वाजपेयी के शासनकाल में भी वार्ता की थी। हमें वहीं से शुरू करने की जरूरत है, जहां अटलजी छोड़कर गए थे और तब तक स्थिति में सुधार की कोई संभावना नहीं है।"

उन्होंने कहा, "हमें बातचीत करने की जरूरत है। हम लंबे समय तक अपने ही लोगों से टकराव की स्थिति में नहीं रह सकते। हम ऐसे माहौल में बातचीत नहीं कर सकते, जिसमें एक तरफ से पत्थरबाजी और दूसरी तरफ से गोलियां चल रही हों।"

प्रधानमंत्री आवास 7, लोककल्याण मार्ग पर मोदी से मुलाकात के बाद महबूता ने कहा कि राज्य में सुरक्षा के खराब हालात सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। महबूबा ने कहा कि वाजपेयी की पहल पर श्रीनगर-मुजफ्फराबाद मार्ग को दोबारा खोला गया था। हुर्रियत नेताओं के साथ वार्ता शुरू हुई और सीमा पर संघर्षविराम को बहाल किया गया।

उन्होंने कहा, "जब अटलजी प्रधानमंत्री थे तो कुछ हुआ था। यही वजह है कि कश्मीर के लोग अटलजी को अभी भी याद करते हैं। इस नीति की वजह से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच गठबंधन हुआ था।"

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अटलजी की नीतियों पर काम करने की प्रतिबद्धता जताई है और उनकी नीति सुलह की है न कि टकराव की। उन्होंने कहा, "मोदीजी वार्ता के पक्ष में हैं, लेकिन उससे पहले एक अनुकूल माहौल बनाए जाने की जरूरत है।"

महबूबा ने गठबंधन में हाल ही में आई दरार को खराब बताते हुए कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा, "पीडीपी अपने धर्म पर अडिग है, लेकिन यह आंतरिक मामला है और हम इसे वार्ता के जरिए सुलझाएंगे।"

महबूबा ने कहा कि उनके पिता दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद ने राज्य में स्थाई शांति के लिए एक 'रोड मैप' दिया था, जिसका अनुसरण किया जाना चाहिए। महबूबा ने कहा, "कुछ लोग नाराज हैं, कुछ ऐसे भी हैं, जिन्हें उकसाया जा रहा है।"

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मोदी के साथ बैठक में भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि की वजह से राज्य के लोगों को होने वाले नुकसान की भरपाई करने पर भी जोर दिया। महबूबा ने जोर देकर कहा कि वह कश्मीर घाटी में हालात सामान्य होने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं।

उन्होंने हुर्रियत का भी जिक्र किया और संकेत दिया कि बातचीत की प्रक्रिया में उसे शामिल करने की जरूरत है। हालांकि यहां उल्लेखनीय है कि केंद्रीय नेतृत्व कश्मीर पर बातचीत में हुर्रियत को शामिल किए जाने के पक्ष में बिल्कुल नहीं है। महबूबा ने मोदी के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर राज्य में सुरक्षा हालात पर चर्चा की।

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