Friday, April 19, 2024
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गुजरात चुनाव: ‘नाखुश’ जातीय समूह, छोटे बिजनेसमैन अपना सकते हैं NOTA का विकल्प

कुछ जातीय समूह और छोटे तथा मध्यम व्यवसायी नोटा का इस्तेमाल कर सकते हैं जो जीएसटी को लेकर भाजपा से नाखुश हैं...

Bhasha Reported by: Bhasha
Updated on: December 05, 2017 20:07 IST
nota- India TV Hindi
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राजकोट: गुजरात विधानसभा चुनाव में पहली बार नोटा (इनमें में से कोई नहीं) विकल्प उपलब्ध होने से राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कुछ जातीय समूह और छोटे तथा मध्यम व्यवसायी भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं जो जीएसटी को लेकर भाजपा से नाखुश हैं।

बहरहाल, भाजपा ने यह कहते हुए इन विचारों को खारिज कर दिया कि नोटा खेल बिगाड़ सकता है क्योंकि पार्टी को अपनी नीतियों की लोकप्रिय अपील पर विश्वास है जो हाल के पंचायत चुनाव परिणामों में दिखा। वर्ष 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में ईवीएम मशीनों में नोटा का विकल्प नहीं था। बहरहाल इस बार मतदाता इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक 2014 के लोकसभा चुनावों में जब नोटा का विकल्प दिया गया तो गुजरात में चार लाख 20 हजार से ज्यादा मतदाताओं ने इसका इस्तेमाल किया। विश्लेषक ने कहा, ‘‘उस वक्त कांग्रेस अपने सबसे खराब राजनीतिक दौर से गुजर रही थी और मध्य तथा पश्चित भारत में सत्ताविरोधी लहर थी। फिर भी 4.20 लाख मतदाताओं (गुजरात में) ने नोटा का इस्तेमाल किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस बार कुछ सामाजिक-आर्थिक वर्ग सत्तारूढ़ भाजपा से निराश है। कुछ जातियां भगवा दल का पुरजोर विरोध कर रही हैं जबकि छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों जैसे कुछ सेक्टर जीएसटी लागू करने के लिए इसकी काफी आलोचना कर रहे हैं। नोटा का विकल्प वे लोग अपना सकते हैं जिन्होंने पहले भजापा नेताओं का विरोध किया था।’’

सत्तारूढ़ भाजपा ने दावा किया कि नोटा विकल्प से इस पर ज्यादा असर नहीं होगा और हाल के ग्राम पंचायत चुनावों में इसे काफी समर्थन मिला। यह पूछने पर कि 2014 के आम चुनावों में चार लाख से ज्यादा मतदाताओं ने नोटा विकल्प अपनाया था तो नेता ने कहा, ‘‘2014 के चुनावों में भाजपा का कुल वोट बढ़ा था। हाल में हुए ग्राम पंचायत चुनावों में भी भाजपा को मजबूत समर्थन दिखा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि नोटा से हमारा खेल खराब नहीं होगा। अगर कुछ मतदाता नोटा का इस्तेमाल करेंगे तो दोनों बड़ी पार्टियां प्रभावित होंगी न कि सिर्फ भाजपा।’’ बहरहाल नोटा के प्रति कांग्रेस ने अपना रूख बदला है, खासकर तब जब चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में 182 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी के लिए 78 सीटों पर जीत की संभावना बताई गई है।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘पहले नोटा से भाजपा की जीत का अंतर कम होने की संभावना थी। अब नोटा और कुछ गैर भाजपा और भाजपा विरोधी मतदाताओं के एकजुट होने से हम कुछ और सीटों पर जीत हासिल कर सकेंगे।’’

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