पणजी: गोवा विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान अनुपस्थित रहने वाले कांग्रेसी विधायक विश्वजीत राणे ने विधानसभा की सदस्यता के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कुछ घंटे पहले ही विधायक के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बहुमत साबित कर दिया। गोवा की वालपोई विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनकर आने वाले विश्वजीत पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से नाराज हैं। हालांकि प्रोटेम स्पीकर ने अभी उनसे अपने इस्तीफे पर दोबारा विचार करने के लिए कहा है।
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इस्तीफा देने के बाद राणे ने कहा, 'यह पार्टी के कुप्रबंधन के खिलाफ बगावत का पहला कदम है। मेरा पार्टी के साथ जुड़े रहने का कोई इरादा नहीं है। मैं उनकी (कांग्रेस) तरफ से निराश हो गया हूं। अब मैं दोबारा चुनाव लड़ूंगा।' उन्होंने कहा कि मैंने भारी दिल से आज कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। राणे ने कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि पार्टी ने गोवा के लोगों के साथ विश्वासघात किया है और उनके द्वारा दिए गए जनादेश को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा, 'मेरे जैसे लोग जल्द ही पूरे देश में कांग्रेस को छोड़ना शुरू कर देंगे क्योंकि जो लोग ऑब्जर्वर बनकर आते हैं वे परिस्थितियों का अंदाजा नहीं लगा पाते।'
राहुल गांधी को लिखे अपने पत्र के जवाब के बारे में पूछने पर राणे ने कहा, 'मुझे उनसे कोई जवाब नहीं मिला है और अब मुझे उम्मीद भी नहीं है। मैं उनपर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।' विश्वजीत गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह राणे के पुत्र हैं। पांच बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे प्रताप सिंह राणे भी गोवा विधानसभा के सदस्य हैं। उन्होंने हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर बीजेपी के विश्वजीत कृष्णराव राणे को हराया है और 11वीं बार विधायक बने हैं।