नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में 5 राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आम बजट टालने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज होने का बाद चुनाव आयोग ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को आम बजट एक फ़रवरी को पेश करने को हरी झंडी दे दी है। हालांकि चुनाव आयोग ने कहा है कि विधानसभा चुनाव वाले पांच राज्यों (यूपी, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर) से जुड़ी किसी योजना का ऐलान नहीं किया जा सकता।
चुनाव आयोग ने ये भी हिदायत दी है कि जब वित्त मंत्री बजट पेश करें तो इस बात का ख्याल रखें कि चुनाव वाले राज्यों में केंद्र सरकार की उपलब्धियों का ज़िक्र न हो। चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को 2009 के उस परामर्श का भी ज़िक्र किया जिसमें चुनाव से पहले पूर्ण बजट की बजाए वोट ऑन अकाउंट की बात कही गई थी।
चुनाव आयोग ने कैबिनेट सेक्रटरी पीके सिन्हा को निर्देश दिया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए ऐसा किया जाए। चुनाव आयोग ने कहा कि चुनावी राज्यों से जुड़ी ऐसी कोई स्कीम की घोषणा न हो जो वोटरों को प्रभावित करे।
यूपी, उत्तराखंड, मणिपुर, पंजाब और गोवा में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग ने इन चुनावों को लेकर आचार संहिता जारी कर दी है। ऐसे में विपक्ष मांग कर रहा था कि एक फरवरी को प्रस्तावित केंद्रीय बजट को आगे के लिए टाल दिया जाए। विपक्ष का आरोप था कि केंद्र की बीजेपी सरकार केंद्रीय बजट का इस्तेमाल अपने चुनावी फायदों के लिए कर सकती है।
गौरतलब है कि इससे पहले आमतौर पर बजट फरवरी के आखिरी हफ्ते में पेश किया जाता रहा है। वहीं निर्धारित समय से पहले बजट पेश करने के पीछे सरकार का कहना है कि इससे सभी क्षेत्रों को 1 अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष शुरू होने से पहले सभी बजटीय आवंटन किए जा सकेंगे।
विधानसभा चुनावों से पहले बजट पेश किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई थी हालांकि कोर्ट ने सोमवार यह याचिका खारिज कर दी थी।