पणजी: गोवा में कांग्रेस विधायकों के एक वर्ग ने राज्य में सत्ता हासिल करने में विफलता के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को इस बारे में बताने के लिए उनसे मिलने का वक्त मांगा है। ऐसा लगता है कि पार्टी विधायक पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह से नाराज हैं, जो गोवा में चुनाव से पहले और बाद में पार्टी मामले देख रहे थे। इन विधायकों को राज्य में सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बावजूद चुनाव पश्चात गठबंधन न कर पाने की पार्टी प्रबंधकों की विफलता टीस दे रही है।
राज्य में भाजपा को 13 जबकि कांग्रेस को 17 सीटें मिली थीं। दूसरे नंबर पर आयी भाजपा ने तेजी से कदम बढ़ाते हुए सरकार गठन का दावा पेश कर दिया। पार्टी के दिग्गज नेता मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। भाजपा ने स्थानीय दलों एवं निर्दलीयों को मिलाकर गठबंधन बना लिया। आज भाजपा गठबंधन को बहुमत हासिल करना है। कांग्रेस के विधायक विश्वजीत राणे ने कहा कि पार्टी विधायकों के एक समूह ने एक बैठक की थी जहां उन्होंने राजनीतिक परिदृश्य को लेकर अपनी पीड़ा और नाराजगी प्रकट की।
राणे ने कहा, ऐसा जान पड़ता है कि दिल्ली से भेजे गए नेता कभी चाहते ही नहीं थे कि कांग्रेस गोवा में सरकार बनाए। कांग्रेस को पार्टी के प्रभारी, जो यहां दिल्ली से आए थे, द्वारा किए गए कुप्रबंधन के प्रकार का पता चलना चाहिए। उन्होंने राहुल से मिलने का वक्त मांगते हुए उन्हें पत्र भी लिखा है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रतापसिंह राणे के बेटे ने कांग्रेस विधायक दल के नेता के चुनाव में देरी पर भी सवाल खड़ा किया।