नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.चिदंबरम ने अपने व बेटे कार्ति से संबंधित ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी के बाद मंगलवार को कहा कि यह सब उनकी आवाज दबाने के लिए किया जा रहा है। छापेमारी कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौरान विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा आईएनएक्स मीडिया (अब 9एक्स मीडिया) को कथित तौर पर कानूनों को धता बताकर दी गई मंजूरी के मामले में की गई है। (ये भी पढ़ें: भारत बना विश्व का चौथा शक्तिशाली देश, ये है इसकी सबसे बड़ी ताकत....)
चिदंबरम ने बयान जारी कर विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा आईएनएक्स मीडिया (अब 9एक्स मीडिया) को मंजूरी दिए जाने में किसी भी तरह की धांधली से इनकार किया।
चिदंबरम ने कहा, "एफआईपीबी की मंजूरी कई मामलों में दी गई। एफआईपीबी में शामिल पांच सचिव और अन्य अधिकारी सरकारी कर्मचारी हैं। उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है। मेरे खिलाफ भी कोई आरोप नहीं है।"
उन्होंने कहा कि जब वह वित्त मंत्री थे तो हर मामले में नियमों के तहत कार्रवाई की गई और एफआईपीबी की अनुशंसा पर ही मंजूरी अथवा नामंजूरी दी गई।
चिदंबरम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार 'मेरे बेटे और उसके दोस्तों' को निशाना बनाने के लिए सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।
चिदंबरम ने कहा, "सरकार का उद्देश्य मेरी आवाज को दबाना और मुझे लिखने से रोकना है, जैसा कि उसने विपक्षी पार्टियों के नेताओं, पत्रकारों, स्तंभकारों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और सामाजिक संगठनों को चुप कराने की कोशिश की है। मैं सिर्फ यही कहूंगा कि मैं बोलता और लिखता रहूंगा।"
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