नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार की सीक्रेट फीडबैक यूनिट को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए। हमारे चैनल इंडिया टीवी को पता चला है कि केजरीवाल ने जो फीडबैक यूनिट बनाई थी उसकी आड़ मे वो अपनी ही पार्टी के बड़े नेताओं, सेंट्रल गवर्मेंट के अफसरों यहां तक कि दिल्ली के फॉर्मर लेफ्टिनेंट गवर्नर की जासूसी करवाना चाहते थे। उनके फोन टैप करवाना चाहते थे। इसके लिए केजरीवाल ने चुपके से एक खास डिटेक्टिव एजेंसी को भी सरकारी पैसे से हायर किया था।
(देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें)
चौंकाने वाली बात ये है कि अरविंद केजरीवाल अपनी ही पार्टी के नेता कुमार विश्वास का फोन टैप करवाना चाहते थे। दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, दिल्ली के होम सेक्रेटरी और ज्वाइंट सेक्रेटरी का फोन भी टैप करने का प्लान था। इस फीडबैक यूनिट को कुछ खास लोगों के फोन टैप कराने का ज़िम्मा सौंपा गया था। इसके लिए डिटेक्टिव एजेंसी के जरिए सरकारी पैसे से इंस्ट्रूमेंट्स भी खरीदे गए थे। इस फोन टैपिंग मिशन के लिए बाकायदा 3 करोड़ 21 लाख का सीक्रेट फंड भी आवंटित कर दिया गया।
ये भी पढ़ें
- एक क्लिक में जानिए किस Bank ने विजय माल्या को कितना कर्ज दिया है
- IIT दिल्ली के गर्ल्स हॉस्टल में लगा नोटिस, 'पूरी तरह ढके हुए कपड़े पहनें लड़कियां'
अस्पताल, हेल्थ केयर सेंटर और हाउसिंग क्षेत्र के कुल 17 प्रोफेशनल को भर्ती करने के नाम पर ये खास डिटेक्टिव एजेंसी हायर की गई। केजरीवाल की सरकार ने चोरी छुपे जो सीक्रेट फीडबैक यूनिट बनाई, उसके कामकाज को लेकर कुछ हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक इस फीडबैक यूनिट को कुछ खास लोगों के फोन टैप कराने का ज़िम्मा सौंपा गया था। इस काम के लिए ज़रूरी उपकरण और तकनीकी के इस्तेमाल की भी कवायद की गई।
अरविंद केजरीवाल की सरकार ने जासूरी करवाने के मकसद से जो फीड बैक यूनिट बनाई, उसकी खातिर बड़े ही शातिर तरीके से एजेंसी का इंतजाम किया गया। दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग के कागजात इस हैरान कर देने वाले गोरखधंधे से पर्दा उठाते हैं। इन कागजातों में दर्ज है कि सोनी डिटेक्टिव एंड एलाइड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी को एक क्रिएटिव टीम तैयार करने के लिए हायर किया गया। पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर सत्येंद्र जैन इसके पीछे थे।
कागजों में इस क्रिएटिव टीम का काम स्कूलों, अस्पतालों, हेल्थ केयर सेंटरों और हाउसिंग के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की खातिर आर्कीटेक्ट, एमबीए जैसे प्रोफेशनल हायर करने का था। मगर हैरानी तब हुई जब इन कामों के लिए एक ऐसी एजेंसी हायर की गई जो जासूसी के काम से ताल्लुक रखती थी। कंपनी का पता-- 6 LSC DDA MARKET, PUSHPA BHAWAN MADANGIR NEW DELHI
चौंकानेवाली बात ये भी है कि गुमराह करके डिटेक्टिव एजेंसी को हायर किया गया। हेल्थ, पीडब्ल्यूडी सेक्टर में प्रोफेशनल्स को हायर करने के नाम पर डिटेक्टिव एजेंसी हायर की गई। दिल्ली सरकार की तरफ से जासूसी के लिए अच्छा खासा फंड भी एलोकेट किया गया...चुपचाप 3 करोड़ 83 लाख का सीक्रेट फण्ड एलोकेट किया गया। ऐसा अंदेशा है कि इस एजेंसी के जरिए आम आदमी पार्टी के वालेंटियर और समर्थकों का बैकडोर चैनल के जरिए सीक्रेट यूनिट में एंट्री का प्रावधान किया गया।