नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी कैबिनेट में दो नये मंत्रियों की नियुक्ति संबंधी फाइलों को कथित तौर पर रोककर रखने के लिए केंद्र पर दिल्ली सरकार की गतिविधियां रोकने का आरोप लगाया है। केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार के साथ भाजपा नीत केंद्र की दुश्मनी की वजह से दिल्ली के लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया, केंद्र पिछले 10 दिनों से फाइल दबाए हुए है। इस वजह से दिल्ली सरकार की कई गतिविधयां थम गयी है। आपकी दुश्मनी हमारे साथ है, दिल्ली के लोगों के साथ बदला मत लीजिए। केजरीवाल के पास दिल्ली सरकार में कोई प्रभार नहीं है। संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक सरकार में अधिकतम सात मंत्री हो सकते हैं।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी मुद्दे पर ट्विटर का सहारा लेते हुए कहा कि दिल्ली में दो नए मंत्रियों की फाइल 10 दिन से केंद्र सरकार लेकर बैठी है। अब तो कपिल मिश्रा का धरना और मीडिया की नौटंकी खत्म हो गयी, अब तो फाइलों को मंजूर कर दो।
मिश्रा को छह मई को हटाया गया था और आप के दो विधायकों - राजेंद्र पाल गौतम और कैलाश गहलोत को कैबिनेट में शामिल किया गया। सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि गौतम और गहलोत की नियुक्ति से जुड़ी फाइलें मिश्रा को हटाए जाने के बाद गृह मंत्रालय को भेज दी गयी थी।
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वहीं, केजरीवाल द्वारा हमला किये जाने के बाद केंद्र ने आज कहा कि दो नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा भेजी गई फाइल पर जल्द निर्णय किया जाएगा। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यहां बताया कि इस फाइल को लटकाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। इसपर फैसला लेकर जल्द ही इसे दिल्ली सरकार को भेज दिया जाएगा।