नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजीत पवार ने फिर विवादित बयान दिया है। पवार ने कहा कि पहले 50 लाख में सांसद बिक जाते थे आजकल 50 लाख में पार्षद भी नहीं मिलते। अजीत पवार सोलापुर के करमाला में जनसभा कर रहे थे। भाषण देते-देते सांसदों और विधायकों की खरीद-फरोख्त का अनुभव भी साझा किया।
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पवार राज्य की विलासराव देशमुख सरकार का वक्त याद दिलाया कि उनको विधायकों की खरीद-फरोख्त रोकने के लिए उन्हें बेंगलुरु भेजना पड़ा था। पवार ने कहा, 'विधायकों की खरीद-फरोख्त और दल-बदल के डर से विलासराव देशमुख हतोत्साहित हो गए थे और उस वक्त विधायकों को बेंगलुरु भेजना पड़ा, क्योंकि तब 50 लाख रुपये में विधायक पाला बदल लेते थे।'
उन्होंने कहा, ‘कुछ विधायक टूटते थे, कहीं पर घोड़ा बाजार (हॉर्स ट्रेडिंग) चलता था..अरे भाई, उस पीरियड में विधायक 50-50लाख रुपए में दूसरे को समर्थन देने के लिए तैयार हो गए थे, अब तो पार्षद भी इतने में राजी नहीं होता..मैं उस समय की बात बता रहा हूं..मैं 1991 में सांसद बना, उस टाइम पी वी नरसिंहराव को बहुमत नहीं था.. 6 -7 सांसद पचास लाख रुपये में दूसरे पक्ष में गए तब मामला चलता था..ऐसा वो दौर था।’
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बता दें कि अजीत पवार एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे हैं। वह 2013 में तब विवाद में घिर गए थे, जब पानी की कमी को लेकर 55 दिनों से भूख हड़ताल कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि “अगर बांध में पानी नहीं है तो क्या हम उसमें पेशाब कर दें?” अजित पवार उस समय राज्य के जल संसाधन मंत्री थे।