Saturday, April 27, 2024
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तमिलनाडु में 'दो पत्तियां' चुनाव चिन्ह सत्तारूढ़ गुट को आवंटित

आयोग के आदेश के अनुसार, "मधुसूदनन की अगुवाई वाले समूह को पार्टी के नाम और इसके चुनाव निशान 'दो पत्तियां' का प्रयोग करने की इजाजत दी जाती है। आयोग को लगता है कि मधुसूदनन की अगुवाई वाले समूह चुनाव चिन्ह (आरक्षण और आवंटन) आदेश,1968 के अनुच्छेद 15 के अनु

IANS Reported by: IANS
Published on: November 24, 2017 8:58 IST
AIADMK- India TV Hindi
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चेन्नई: निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) का लोकप्रिय चुनाव चिन्ह 'दो पत्तियां' तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम वाले गुट को देने का फैसला किया। इस निर्णय के बाद एआईएडीएमके के शशिकला गुट के नेता दिनाकरन ने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले को अदालत में चुनौती दी जा सकती है। शशिकला गुट के लिए तगड़ा झटका लेकर आई इस घोषणा के बाद पलनीस्वामी और पन्नीरसेल्वम के समर्थक खुशी से झूम उठे। समर्थकों ने पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटी।

आयोग ने अपने 83 पन्ने के आदेश में कहा, "आयोग का यह विचार है कि ई. मधुसूदनन, ओ. पन्नीरसेल्वम, एस. सेम्मालाई और के. पलनीस्वामी की अगुवाई वाले याचिककाकार्ता समूह के पास एआईएडीएमके की संगठनात्मक और विधायिका इकाई का बहुमत है।" आयोग के अनुसार, "मधुसूदनन और अन्य के अगुवाई वाले समूह को तमिलनाडु और पुदुच्चेरी में मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी एआईएडीएमके के रूप में मान्यता दी जाती है और इस पार्टी के लिए 'दो पत्तियां' वाला चिन्ह आरक्षित किया जाता है।"

आयोग के आदेश के अनुसार, "मधुसूदनन की अगुवाई वाले समूह को पार्टी के नाम और इसके चुनाव निशान 'दो पत्तियां' का प्रयोग करने की इजाजत दी जाती है। आयोग को लगता है कि मधुसूदनन की अगुवाई वाले समूह चुनाव चिन्ह (आरक्षण और आवंटन) आदेश,1968 के अनुच्छेद 15 के अनुसार चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम का इस्तेमाल कर सकते हैं।"

आयोग ने कहा, "आर.के. नगर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के मद्देनजर 22 मार्च को दिए गए अंतरिम आदेश को स्थगित किया जाता है और वह आदेश चुनाव चिन्ह (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के तहत प्रयोग में नहीं लाया जाएगा।" पलनीस्वामी ने मीडिया को कहा, "हमने चुनाव चिन्ह प्राप्त कर लिया.. हम पार्टी नेताओं से बातचीत करने के बाद आर.के. नगर विधानसभा सीट के उम्मीदवार के बारे में निर्णय लेंगे।"

उन्होंने कहा, "चुनाव अयोग ने अभी निर्णय दिया है। हम खुश हैं और पार्टी के 1.5 करोड़ सदस्य भी खुश होंगे। हमारे पास पदाधिकारियों, विधायकों और सांसदों का बहुमत है।" दिनाकरन ने कहा कि चुनाव आयोग के आदेश को अदालत में चुनौती दी जा सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने निष्पक्ष तरीके से अपना काम नहीं किया।

उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि फिर क्यों मार्च में चुनाव आयोग ने चुनाव चिह्न् और नाम के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी जबकि शशिकला व उनकी (दिनाकरन) की अगुवाई वाले गुट को 122 विधायकों और 37 सांसदों का समर्थन प्राप्त था। शशिकला गुट के इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि इसमें कोई दम नहीं है। आयोग ने अपने अंतरिम आदेश में विभिन्न गुटों के विलय को रोका नहीं था।

आयोग ने कहा कि मुख्यमंत्री की अगुवाई वाले गुट को जनरल कौंसिल के सदस्यों का समर्थन प्राप्त है और पार्टी की संगठनात्मक इकाई में आयोग ने सत्तारूढ़ समूह को मिले समर्थन की पहचान की है। आयोग के अनुसार, सत्तारूढ़ समूह को 34 लोकसभा सांसद, आठ राज्यसभा सांसद और 111 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। वहीं दोनों सदनों में शशिकला गुट के 3 सांसद, 20 विधायक जिसमें 18 अयोग्य घाषित किए गए हैं, शामिल हैं।

पिछले वर्ष दिसंबर में पार्टी प्रमुख व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद पार्टी दो गुटों में बंट गई थी। एक गुट की अगुवाई पन्नीरसेल्वम और दूसरे की शशिकला कर रही थीं। उसके बाद शशिकला के गुट में भी फूट पड़ गई और पलनीस्वामी ने पन्नीरसेल्वम के साथ मिलकर अपनी सरकार बना ली, जिसके बाद शशिकला व दिनाकरन पार्टी में हाशिए पर चले गए थे।

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