Thursday, April 25, 2024
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संसद में गतिरोध जारी, आडवाणी हुए नाराज़ कहा विपक्ष, सरकार, दोनों अक्षम

नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को भी हंगामा होता रहा। उग्र विपक्ष ने संसद का सामान्य कामकाज नहीं होने दिया जिसके बाद भाजपा के वरिष्ठतम नेता लालकृष्ण आडवाणी ने मौजूदा स्थिति शर्मनाक करार दिया और

IANS IANS
Published on: December 08, 2016 8:18 IST
 Lal Krishna Advani- India TV Hindi
Lal Krishna Advani

नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को भी हंगामा होता रहा। उग्र विपक्ष ने संसद का सामान्य कामकाज नहीं होने दिया जिसके बाद भाजपा के वरिष्ठतम नेता लालकृष्ण आडवाणी ने मौजूदा स्थिति शर्मनाक करार दिया और जिस तरह से कार्यवाही की मांग की जा रही है उस तरीके पर सवाल उठाया और कहा कि ऐसी स्थिति में सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित क्यों नहीं कर दिया जाता? 

लोकसभा में नोटबंदी के विरोध का सिलसिला जारी रहा। विपक्षी दल इस मुद्दे पर मतदान के साथ चर्चा कराने के लिए विरोध प्रदर्शन करते रहे इसके बावजूद लोकसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही चली। हालांकि राज्यसभा में हंगामे और गतिरोध के कारण कोई कार्यवाही नहीं चल सकी। 

दोपहर बाद बार-बार स्थगन के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। 

विपक्षी सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लगाए और हंगामा किया। शोरगुल के बीच हालांकि शून्यकाल लगभग आधे घंटे तक चला।

दो बजे भोजन के बाद जब सदन की बैठक शुरू हुई, हंगामे के कारण कुछ ही मिनट बाद बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। 

बुधवार को अपराह्न एक बजे से पहले सदन की कार्यवाही जैसे ही स्थगित हुई, सामान्य तौर पर शांत रहने वाले आडवाणी अपनी सीट पर खड़े हो गए और संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार से पूछा कि सदन का संचालन आखिर कौन कर रहा है?

आडवाणी के इस रुख से भाजपा के अन्य सदस्य अवाक रह गए। आडवाणी यह कहते हुए सुने गए कि न तो अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और न ही संसदीय मामलों के मंत्री का हालात पर नियंत्रण नजर आ रहा है।

सदन में विपक्ष द्वारा नोटबंदी के मुद्दे से संबंधित नारे लगाने के बावजूद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा बुधवार को प्रश्नकाल तथा शून्यकाल जारी रखने के बीच आडवाणी की यह कड़ी टिप्पणी सामने आई है।

संसद के सबसे सम्मानीय सांसदों में गिने जाने वाले आडवाणी ने कहा, "न तो अध्यक्ष और न ही संसदीय मामलों के मंत्री सदन का संचालन कर रहे हैं।"

अनंत कुमार द्वारा उन्हें शांत करने के प्रयासों के बीच आडवाणी ने कहा, "मैं अध्यक्ष से यह कहने जा रहा हूं कि वह सदन का संचालन नहीं कर रही हैं। विपक्ष तथा सरकार, दोनों ही सदन को संचालित करने में अक्षम हैं।"

उन्होंने पूछा कि लोकसभा की कार्यवाही कब तक के लिए स्थगित हुई है। जब उन्हें बताया गया कि अपराह्न दो बजे तक के लिए, तो भाजपा के दिग्गज ने कहा, "अनिश्चितकाल के लिए क्यों नहीं?"

पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों ने नियम 184 के तहत नोटबंदी पर बहस की मांग की, जिसमें मतविभाजन का प्रावधान है।

हालांकि इस मुद्दे पर बहस सोमवार को ही नियम 193 के तहत शुरू हो चुकी है जिसमें अल्पकालिक चर्चा का प्रावधान है।

चर्चा के लिए बीजू जनता दल (बीजद) के नेता भर्तृहरि महताब तथा तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेता ए.पी.जितेंद्र रेड्डी के नोटिस को अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद मुद्दे पर सोमवार को नियम 193 के तहत चर्चा शुरू हुई, लेकिन यह ज्यादा देर तक नहीं चल सकी।

अध्यक्ष ने विपक्ष के विरोध को ड्रामा करार दिया।

सदन की कार्यवाही जब दोपहर में शुरू हुई, हालात में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।

विपक्ष ने मोदी सरकार हाय हाय के नारे लगाए, लेकिन अध्यक्ष ने शून्यकाल की कार्यवाही जारी रखी। 

राज्यसभा में भोजनावकाश से पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच दो बार कार्यवाही स्थगित होने से पहले जम कर विवाद हुआ। बाद में जब भोजनावकाश के बाद बैठक शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा और सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। 

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आठ नवंबर को हुए नोटबंदी के बाद से 80 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जो मौतें हुई हैं उनके लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए। 

समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने भी 'देश को पंगु' बना देने को लेकर सरकार की आलोचना की।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने भी इसी तरह का विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के कारण पैदा होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए 50 दिन का समय मांगा था, लेकिन कुछ भी बदलता दिखाई नहीं दे रहा है।

सदन के नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष मुद्दे पर बहस से भाग रहा है।

उसके बाद सत्ता पक्ष के सांसदों ने विपक्ष के खिलाफ यह कहते हुए नारेबाजी शुरू कर दी कि 'अगर उनमें हिम्मत है तो वे बहस होने दें।'

इस पर दोनों पक्षों के सदस्य एक-दूसरे पर चिल्लाने लगे और शोरगुल के बीच सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। 

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