Friday, April 26, 2024
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कविता कृष्‍णन ने किया 'फ्री सेक्‍स' का समर्थन, FB पर छिड़ी बहस

सीपीएम (एमएल) पोलित ब्‍यूरो की सदस्‍य कविता कृष्‍णन और उनकी मां ने सोशल मीडिया में एक नई बहस को छेड़ दिया है।

India TV News Desk India TV News Desk
Updated on: May 17, 2016 12:40 IST
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नई दिल्‍ली: सीपीएम (एमएल) पोलित ब्‍यूरो की सदस्‍य कविता कृष्‍णन और उनकी मां ने सोशल मीडिया में एक नई बहस को छेड़ दिया है। 'नारीवादी इस पहल का मकसद लिंग आधारित छवि को तोड़ना है।' कविता कृष्‍णन ने अपने फेसबुक पेज पर यह कोट किया और इसके साथ ही 'फ्री सेक्‍स' को लेकर बहस शुरू की है। इस पोस्‍ट में उन्‍होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के शिक्षकों को भी निशाने पर लिया है।

JNU के शिक्षकों ने कथित रूप से 2015 में एक दस्‍तावेज तैयार किया था, जिसमें यूनिवर्सिटी के छात्रों को सेक्‍स और शराब से भरे जीवन के बारे में बताया गया था। पोस्‍ट में दावा किया गया है कि कविता ने एक टीवी चैनल की डिबेट में कहा कि यह अफसोस की बात है कि कुछ लोग 'फ्री सेक्‍स' से डरते हैं।

हालांकि, एक यूजर की ओर से किए गए कमेंट के बाद यह बहस गरम हो गई। यूजर को जवाब देते हुए कविता और उनकी मां ने लिखा, ‘हां हमने फ्री सेक्स किया है।’ उन्होंने लिखा कि ‘अनफ्री सेक्स’ कुछ और नहीं बल्कि रेप है।’

कविता के इस पोस्ट पर एक यूजर जीएम दास ने कमेंट किया, ‘अपनी मां/बेटी से पूछो कि क्या उन्होंने फ्री सेक्स किया है।’ इस पर कविता ने कहा, ‘हां मेरी मां ने ऐसा किया है। उम्मीद है कि आपकी मां ने भी ऐसा किया होगा क्योंकि यदि कोई महिला आजाद नहीं है, तो यह सेक्स नहीं रेप है, समझे।’

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इसके बाद इस बहस में कविता की मां लक्ष्मी कृष्णन भी कूद गईं। उन्होंने लिखा, ‘हाय जीएम दास! मैं कविता की मां हूं। बिलकुल मैंने फ्री सेक्स किया है। जब और जैसे मैं चाहती थी, जिस आदमी के साथ चाहती थी, फ्री सेक्स किया। सहमति से सेक्स चाहने वाले हर महिला और पुरुष के साथ मैं लड़ी। अनफ्री और असहमति से किए गए सेक्स के खिलाफ हमेशा रही।’

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